अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर त्रिवेणी वृक्षारोपण – सूर्य देव नखरौला
मानेसर। अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर सभी तरह के वनों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया भर में 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया के देशों द्वारा पेड़ों से संबंधित गतिविधियों का आयोजन कर वृक्षारोपण कराया जाता है। इस अवसर पर सूर्य देव नखरौला द्वारा भी अपनी पत्नी श्रीमती मुकेश यादव के साथ मिलकर न्यारम साद्ध गौशाला मानेसर प्रांगण में त्रिवेणी ( बड, पीपल व नीम ) के पेडों को एक साथ लगाकर वृक्षारोपण किया व पौधों का संरक्षण करने के लिए जाल भी लगाया। बड़ पीपल और नीम तीनों को समान गुणी होने के कारण त्रिवेणी कहा जाता है। त्रिवेणी वृक्षारोपण का अध्यात्म में भी बहुत महत्व है। बड़ का वृक्ष महात्मा बुध का निवास स्थान था। अतः इसे बोधि वृक्ष भी कहते हैं। यह कई रोगों में लाभदायक है। पीपल का वृक्ष, वृक्षों में सर्वश्रेष्ठ होने से वृक्षराज व धर्मवृक्ष कहा जाता है। इसका प्रयोग भी कई बीमारियों में होता है और यह 24 घंटे हमें ऑक्सीजन भी देता है। नीम वृक्ष प्रकृति का अनुपम वरदान तथा ईश्वर की अनोखी देन है। नीम स्वास्थ्य का खजाना है और कई बीमारियों में लाभदायक है। सूर्य देव नखरौला ने बताया कि पेड़ पौधे ऑक्सीजन के अच्छे स्त्रोत है। ऑक्सीजन है तो ही जीवन है। यदि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को धरोहर के रूप में कुछ देना चाहते हैं तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाकर शुद्ध ऑक्सीजन विरासत में दें। पेड़ पौधे लगाने से बढ़ता प्रदूषण तो रूकता ही है साथ में बरसात के चक्र में भी बदलाव आता है। पौधा लगाने से प्राण वायु मिलती है। घर, परिवार आदि में होने वाले उत्सवों को यादगार बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाऐं। इस मौके पर उपस्थित न्यारम साद्ध गौशाला मानेसर के वरिष्ठ प्रधान मास्टर बालवीर मानेसर ने बताया की जिस तेज रफ्तार से सड़क, भवनों व उद्योगों के विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई हो रही है, इससे ऐसा प्रतीत होता है कि हमारी आने वाली पीढ़ी ऑक्सीजन के लिए तरस जाएगी। उन्होंने आगे कहा: वृक्ष काटकर मत करो पाप, रोती धरती तुमको भी देगी अभिशाप। पेड़ों से वायु, वायु से आयु, कहते हैं सब वेद पुराण। एक वृक्ष 10 पुत्र समान, बिन पेड़ों के हो जाऐगा हम सबका जीवन सुनसान। आओ मिलकर बढ़ाऐं एक कदम हरियाली की ओर।