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भाव में बनी तेजी:खुली बोली पर समर्थन मूल्य से, 750 प्रति क्विंंटल अधिक भाव में बिक रही सरसों

भाव में बनी तेजी:खुली बोली पर समर्थन मूल्य से, 750 प्रति क्विंंटल अधिक भाव में बिक रही सरसोंभारत ने खाद्य तेलों का आयात 15 प्रतिशत किया कम, इसलिए बढ़ा मूल्य
कृषि विभाग के लक्ष्य से 9860 हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की कम बिजाई हुई थी
जिले में इस बार शायद सरकार अनाज मंडियों से समर्थन मूल्य पर सरसों का एक दाना भी नहीं खरीद पाएगी, क्योंकि मौजूदा समय में मंडियों में सरसों खुली बोली पर 5300 से 5400 रुपये प्रति क्विंटल बिक्री हो रही है। मंडी में पहुंचने वाली सरसों में नमी की मात्रा नियमों से अधिक है व सरसाें का समर्थन मूल्य 4650 रुपये प्रति क्विंटल है।

जिले में कृषि विभाग का एक लाख 31 हजार हेक्टर में सरसों बिजाई का लक्ष्य था जबकि एक लाख 21 हजार 140 हेक्टेयर भूमि में सरसों की बिजाई हुई थी। कृषि विभाग के लक्ष्य से 9860 हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की कम बिजाई हुई थी। इस बार सरसों के दामों में तेजी देखने को मिल रही है। खुली बोली पर सरसों समर्थन मूल्य से 650 से 750 रुपये प्रति क्विंटल अधिक भाव में बिक्री हो रही है।

इसलिए भाव में बनी तेजी

भारत ने इस बार खाद्य तेलों का आयात 15 प्रतिशत कम कर दिया है। इसके चलते देश में खाद्य तेलों की डिमांड को पूरा करने के लिए सरसों के दामों में उछाल देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि अनाज मंडी में इस बार सरसों के दाम 5400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं।

ये थी पिछली बार स्थिति

जिले में वर्ष 2019 में एक लाख 18 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की बिजाई हुई थी। उस समय में सरसों का समर्थन मूल्य 4625 रुपये प्रति क्विंटल था। सरकार ने ही समर्थन मूल्य पर अधिकतर सरसों की खरीद की थी क्योंकि खुली बोली पर सरसों के दाम 4200 रुपये प्रति क्विंटल तक थे। सरकार ने जिले में चार लाख छह हजार क्विंटल सरसों की 4625 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में खरीद की थी।

जिले की मंडियों में प्रतिदिन पहुंच रही है 300 क्विंटल सरसों

मंडियों में सरसों की आवक अभी शुरू हुई है। इसके चलते सरसों की आवक अभी धीमी है और नमी की मात्रा नियमों से अधिक है। इसलिए किसान मंडियों में सरसों को सूखा रहे हैं। इसके बावजूद समर्थन मूल्य से 650 से 750 रुपये प्रति क्विंटल अधिक दाम पर सरसों खुली बोली पर बिक्री हो रही है। सरसों की सरकारी खरीद एक अप्रैल से होगी लेकिन अगर भाव में इसी तरह तेजी बनी रही तो शायद सरकारी खरीद एजेंसियां इस बार मंडियों से समर्थन मूल्य पर सरसों का एक दाना भी नहीं खरीद पाएगी, क्योंकि अब सरसों की बिक्री ऑनलाइन कर रहे हैं।

एजेंसी समर्थन मूल्य पर सरसों खरीदेगी: कालड़ा

अनाज मंडी में मौजूदा समय में सरसों के खुली बोली पर भाव समर्थन मूल्य से अधिक बने हैं। एजेंसी समर्थन मूल्य पर सरसों खरीदेगी। पंजीकृत कोई भी किसान समर्थन मूल्य पर एजेंसी को सरसों बिक्री करेगी उस किसान की सरसों खरीदी जाएगी।”

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