असली मर्दानी अब ओटीटी पर:दिल्ली पुलिस की हेड कॉन्स्टेबल सीमा ढाका की बहादुरी की कहानी पर बनेगी वेब सीरीजसीमा ढाका और प्रोड्यूसर योगेंद्र चतुर्वेदी से दैनिक भास्कर का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
रानी मुखर्जी की फिल्म ‘मर्दानी’ तो काफी लोगों ने देखी होगी, पर दिल्ली पुलिस की असली मर्दानी सीमा ढाका की बहादुरी की कहानी अब वेब सीरीज के रूप में देखने मिलेगी। 76 गुमशुदा और ट्रैफिकिंग के शिकार बनने वाले बच्चों को ढूंढकर अपने परिवार से मिलाने वाली सीमा को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) बना दिया गया है। दिल्ली समयपुर बादली पुलिस स्टेशन में तैनात सीमा ऐसा प्रमोशन पाने वाली दिल्ली पुलिस की पहली पुलिसकर्मी बन गई हैं।
सीमा के इस साहस पर अमिताभ बच्चन इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि सीमा की जिंदगी प्रेरक है। उसकी प्रेरक जिंदगी पर फिल्म बननी चाहिए। इस सुपर कॉप सीमा ढाका की जिंदगी पर बायोपिक जल्द ही बनने जा रही है। एब्सोल्यूट बिन्ज एंटरटेनमेंट ने वेब सीरीज बनाने के लिए राइट्स लिए हैं।
सीमा ढाका ने ‘दैनिक भास्कर’ से खास बातचीत में बताया कि मुझे हमेशा से चैलेंज फेस करना अच्छा लगता है। मैं ऐसे गांव से आई हूं, जहां लड़कियों को तमाम पाबंदी थी। वहां से निकलकर मैं दिल्ली पुलिस में आई। जब मुझे पता चला कि बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए डिपार्टमेंट में टीम बन रही है। तब मैंने अपने सीनियर से कहा कि मैं इस टास्क को करना चाहती हूं। चूंकि मैं हेड कॉन्स्टेबल थी और महिला। बहुत मुश्किल था, लेकिन मैंने इस चुनौती को स्वीकार लिया। अगस्त में मैं कोरोना पॉजिटिव हो गई। 10 दिन रेस्ट के बाद 12 अगस्त जन्माष्टमी के दिन से मैंने अपने टास्क को शुरू किया। उस दिन मेरा उपवास भी था।पहले दिन भर की मेहनत के बाद रात को जब पहले बच्चे को ढूंढा और उनके पैरेंट्स को सौंपा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। मैं भी इमोशनल हो गई। मैं भी एक बेटे की मां हूं। मुझे बच्चे के माता-पिता से आशीर्वाद मिला। मेरा हौसला बढ़ा और मैंने एक साल में 50 बच्चों को ढूंढने के कठिन टास्क को 75 दिन में 76 बच्चों को ढूंढ कर पूरा कर लिया। इसके लिए डिपार्टमेंट ने मुझे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बना दिया।मैंने जिस दिन यह सुना कि अमिताभ बच्चन सर ने मेरे बारे में सोशल मीडिया पर लिखा है। तब मैंने जैसे ही ट्वीट को देखा तो यह बात मेरे लिए सपने से कम नहीं था। आज भी मुझे यकीन नहीं होता कि सर ने मेरे लिए और दिल्ली पुलिस के लिए ट्वीट किया। उनका बहुत-बहुत धन्यवाद उन्होंने मेरे काम को एप्रीशिएट किया है।