वर्ल्ड स्लीप डे पर किया अवेयर:सोने से 1 घंटा पहले न देखें टीवी-मोबाइल, निगेटिव बातों से बचकर लें चैन की नींदमनोचिकित्सक डॉ. पूनम दहिया ने दिए लोगों को टिप्स
सिविल अस्पताल में मनोचिकित्सक डॉ. पूनम दहिया ने लोगों को जागरूक किया
भागदाैड़ भरी जिंदगी में तनाव आम बात है। कई बार लोग छाेटी-छाेटी चीजों को लेकर दिमाग पर ज्यादा प्रेशर महसूस करने लगते हैं। हर काम सोच पर निर्भर हो गया है। ऐसे में व्यक्ति न तन और न मन से खुद को फिट रख पा रहा है। दिनभर की सोच व चिंता नींद उड़ा रही है जोकि स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होने लगी है।
इसलिए चिंता व नकारात्मक सोच मुक्त होकर वयस्कों को 6 घंटे व बच्चों को 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है। 19 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे के रूप में मनाया जाता है। सिविल अस्पताल में मनोचिकित्सक डॉ. पूनम दहिया ने लोगों को जागरूक किया। सोने से करीब एक घंटा पहले मोबाइल व टीवी से दूरी बना लें। निगेटिव व हॉट टॉक से बचें और हेल्दी टॉक करके नींद जरूर लें।
रोज अनिद्रा के 5 रोगी आ रहे
मनोचिकित्सक ने बताया कि रोजाना ओपीडी में 4 से 5 रोगी सिर्फ नींद नहीं आने का इलाज करवाने आते हैं। अनिद्रा से शरीर पर असर पड़ता है। ओपीडी में मानसिक रोग का इलाज करवाने वालों में पहला लक्षण नींद नहीं आना होता है। नींद को स्लीप मेडिसीन भी कहते हैं। मानसिक रोगों से निजात पाने के लिए नींद लेना बेहद जरूरी है। अगर आपका मन स्वस्थ और चिंता मुक्त है तो शरीर को घातक बीमारियों से बचा सकते हैं।
नींद उड़ने के कारण
काम का दबाव।
परिस्थितियां विपरीत होना।
नकारात्मक सोच व संगत।
तनाव से अनिंद्रा।
मानसिक रोग।
अच्छी नींद लेने के उपाय
सैर, मेडिटेशन और योग करें।
सोने से पहले अच्छी बातें करें।
खुशनुमा माहौल में समय बिताएं।
सकारात्मक बातें सोचें।
मोबाइल और टीवी से दूरी बनाएं।
अनिद्रा के दुष्परिणाम
मानसिक रोग होना।
गैर संक्रामक शुगर, दिल रोग होना।
पूर्व की बीमारियों का शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ना।
दिनभर चिढ़चिढ़ापन।
किसी की बात व माहौल अच्छा न लगना।