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डिग्रीधारी की किस्मत बदली: बेरोजगारी के चलते सब्जी बेच रहे बाशा पार्षद बने,

डिग्रीधारी की किस्मत बदली:बेरोजगारी के चलते सब्जी बेच रहे बाशा पार्षद बने, प्रोफाइल देख सीएम ने नगरपालिका चेयरमैन बनायाआंध्र प्रदेश के रायचोटी में सब्जी बेच रहे डिग्रीधारी की किस्मत बदली
जब किस्मत साथ देती है तो रातो-रात जिंदगी बदल जाती है। ऐसा ही आंध्र प्रदेश के रायचोटी में हुआ। वहां एक सब्जी बेचने वाले युवक की किस्मत तब बदल गई, जब उसे नगर पालिका का अध्यक्ष बना दिया गया। दरअसल, शेख बाशा ग्रेजुएट डिग्रीधारी हैं, लेकिन बेरोजगारी के चलते वह गांव में सब्जी बेचने को मजबूर हो गए।

शेख बाशा ने बताया, ‘डिग्री धारक होने के बावजूद बेरोजगारी के चलते उन्हें सब्जियां बेचनी पड़ीं। जीवन में उनकी कोई दिशा नहीं थी, लेकिन वाइएसआर ने मुझ पर भरोसा जताया। वाइएसआर कांग्रेस पार्टी ने मुझे पार्षद का चुनाव लड़ने का मौका दिया। इसके बाद लोगों ने मुझे चुनकर पार्टी के फैसले को सही साबित कर दिया।

रायचोटी नगर पालिका में पार्टी को मिली बड़ी जीत के बाद जब वाइएसआर अध्यक्ष और मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने अपने प्रत्याशियों के प्रदर्शन की प्रोफाइल पर नजर डाली, तो मुझ पर उनका ध्यान गया। इसके बाद उन्होंने मुझे नगर पालिका का अध्यक्ष बनाने का आदेश दिया। इस पर गुरुवार को अमल भी हाे गया’ बाशा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य में पिछड़े समुदाय के लोगों को सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया। मेरे जैसे तमाम लोग सीएम मुख्यमंत्री रेड्डी के आभारी हैं।

86 में से 84 नगरपालिकाओं में वायएसआर जीती, 60.47% पद महिलाओं को

आंध्र प्रदेश में बीते हफ्ते नगर निकाय के चुनाव हुए थे। इसमें सत्ताधारी वायएसआर कांग्रेस पार्टी ने इतिहास रचते हुए राज्य की 86 नगर पालिकाओं और नगर निगमों में से 84 पर कब्जा कर लिया है। खास बात ये है कि महापौर और अध्यक्षों के चुनाव में महिलाओं को 60.47% पद, जबकि पिछड़े समुदाय के लोगों को 78% पद दिए गए हैं।

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