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राष्ट्रपति जॉन पॉम्बे मगुफुली का 61 साल की उम्र में निधन, भ्रष्टाचार की लड़ाई में अहम रोल निभाया था

तंजानिया में राष्ट्रीय शोक:राष्ट्रपति जॉन पॉम्बे मगुफुली का 61 साल की उम्र में निधन, भ्रष्टाचार की लड़ाई में अहम रोल निभाया थातंजानिया के राष्ट्रपति जॉन पॉम्बे मगुफुली का 61 साल की उम्र में निधन हो गया है। राष्ट्रपति को कोरोना संक्रमण होने की अटकलों की बीच इस खबर की पुष्टी सरकार की तरफ से जारी एक बयान में की गई है। 27 फरवरी के बाद से राष्ट्रपति संडे चर्च सर्विसेज में हर हफ्ते होने वाली पब्लिक मीटिंग में नजर नहीं आए थे। CNN के मुताबिक, तभी से उनके बीमार होने और विदेश में इलाज कराने की अटकलों को हवा दी जा रही थी।

बुलडोजर के नाम से लोकप्रिय थे
मगुफुली 1995 में पहली बार चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे थे। 2010 तक उनकी राजनीतिक लोकप्रियता बढ़ गई। इसके बाद उन्हें तंजानिया के मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई। उनकी तेज तर्रार राजनीति को देश में खूब पसंद किया गया। उनके काम करने के तरीके, सड़क निर्माण और उद्योगों में भ्रष्टचार के खिलाफ लड़ाई तंजानिया की जनता की लड़ाई बन गई थी। जनता उन्हें बुलडोजर नाम से पुकारती थी।

2015 में जीते थे राष्ट्रपति चुनाव
पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव 2015 में लड़े और जीते। इसके बाद 2020 में दोबारा राष्ट्रपति चुने गए। चुनाव को लेकर उनके प्रतिद्वंदी तुंडु लिस्सू ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। तब मगुफुली ने कहा था कि अगर आप जागरूक हैं, तो कई देशों में नजर आएगा कि चुनाव संघर्ष का स्त्रोत है। हालांकि, हम तंजानिया के लोगों ने इस परीक्षा को पास कर लिया है। ये दर्शाता है कि तंजानिया के लोग शांति पसंद हैं और लोकतंत्र को लेकर काफी परिपक्व हैं।

जनता की बीच अलग पहचान
मगुफुली के नेतृत्व की बेहतरीन सरकार और उनके फैसलों ने तंजानिया के लोगों के मन में एक अलग ही पहचान बना दी। लोग उनका बहुत सम्मान करते हैं। उनका सबसे खास वह फैसला था, जिसमें उन्होंने 2015 के स्वतंत्र दिवस के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था। लोगों से साफ सफाई रखने और कोलेरा से लड़ने की अपील की थी।

केन्या के राजनीतिक विश्लेष्क ने DW से कहा कि लोगों की मजबूत करने और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर वह राजनीति में आए थे। इससे लोगों को फायदा हुआ। यह एक मजाक की बात होगी कि उनके साथ कोई खुश नहीं रहा होगा।

विवादों में भी रहे
मगुफुली पर कई ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने लोगों के अधिकारों और प्रेस की आजादी पर कंट्रोल करने का आरोप लगाया था। 2020 में उनकी सरकार एक कानून लाई थी। इसमें कहा गया था कि अगर कोई लोकल मीडिया इंटरनेशनल खबर को बिना पुष्टि के छापता है तो उन पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मगुफुली ने बताया था कि देश को बिजनेस के लिए खोलना होगा। हम तंजानिया के लोग अपने आपको रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा था कि मैंने एक दिन भी लॉकडाउन लगाने का फैसला नहीं लिया। मुझे मालूम था कि भगवान अभी जिंदा हैं। वह आगे भी हमारी रक्षा करेंगे।

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