महिलाओं की स्थिति पर बोलीं कमला हैरिस:निर्णय प्रक्रिया से महिलाओं को अलग रखना दर्शाता है कि लोकतंत्र में खामी हैअमेरिकी उपराष्ट्रपति ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने महिलाओं को ज्यादा अधिकार देने की अपील की है। महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग के 65वें सत्र में अपने पहले संबोधन में उन्होंने लोकतंत्र और आजादी में गिरावट पर चिंता जताई। हैरिस ने कहा, ‘लोकतंत्र का मूल तत्व महिलाओं के सशक्तीकरण पर निर्भर करता है।
ऐसे में यदि महिलाओं को निर्णय प्रक्रिया से अलग रखा जाता है तो यह लोकतंत्र की खामी को दर्शाता है।’ उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि आज लोकतंत्र पर दबाव बढ़ रहा है। हमने देखा है कि साल में दुनियाभर में आजादी में कमी आई है। विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि बीता वर्ष दुनिया में लोकतंत्र और आजादी की बिगड़ती स्थिति के लिहाज से सबसे बुरा था।’
अमेरिका की पहली अश्वेत और दक्षिण एशियाई मूल की उपराष्ट्रपति हैरिस ने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनियाभर में आर्थिक सुरक्षा, शारीरिक सुरक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है। महिलाओं की स्थिति लोकतंत्र की स्थिति है और अमेरिका दोनों को बेहतर बनाने के लिए काम करेगा। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश, सहयोगी संस्थाएं और एनजीओ 15 से 26 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में ऑनलाइन भाग ले रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने कहा था कि महामारी ने महिलाओं और लड़कियों पर बहुत खराब हुई है। इस दौर में पता लगा कि दुनिया की राजनीतिक व आर्थिक प्रणालियों में लैंगिक असमानता कितनी गहरी है।
भारतवंशी कारोबारी ने प्लास्टिक नीति पर समर्थन मांगा
हैरिस ने मंगलवार को डेनवर में छोटे व्यावसायों के प्रतिनिधियों से गोलमेज चर्चा की। इसमें भारतवंशी अमेरिकी कारोबारी ललिता चित्तूर भी शामिल हुईं। उन्होंने हैरिस से वैश्विक प्लास्टिक नीति का समर्थन करने की अपील की। ललिता आयात कारोबार से जुड़ी हैं।