एयरफोर्स का MiG-21 क्रैश:कॉम्बैट ट्रेनिंग के लिए टेक ऑफ कर रहा फाइटर प्लेन हादसे का शिकार, ग्रुप कैप्टन शहीदमध्यप्रदेश के ग्वालियर में बुधवार को वायुसेना का MiG-21 बायसन एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। घटना दोपहर करीब 12 बजे की है। इस हादसे में वायुसेना के एक ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता शहीद हो गए। हादसा एयरफोर्स के सेंट्रल इंडिया बेस में उस समय हुआ, जब MiG-21 एयरक्राफ्ट कॉम्बैट ट्रेनिंग के लिए टेक ऑफ कर रहा था।
वायुसेना ने इस हादसे के पीछे की वजह पता करने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (जांच) बैठा दी है। एयरफोर्स ने हादसे में शहीद कैप्टन की शहादत पर संवेदना व्यक्त की है। एयरफोर्स ने कहा कि इस दुख की घड़ी में हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं।आग लगने की सूचना मिलने के बाद एयरबेस गई थी फायर ब्रिगेड
फायर ब्रिगेड के नोडल अधिकारी अतिबल सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया, उन्हें करीब 12 बजे एयरफोर्स से कॉल आया था। कॉल पर बोला गया था कि ग्वालियर स्थित सेंट्रल एयरबेस पर आगजनी की घटना हुई है। तेल फैलने और घास में आग लगने पर कॉल किया गया था। इसके तुरंत बाद घटनास्थल की ओर फायर ब्रिगेड को रवाना किया गया। गेट पर ही फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के मोबाइल जमा कराए जा रहे थे। तभी अंदर से कॉल आया है कि आग पर कंट्रोल कर लिया गया है। इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम को लौटा दिया गया।
पिछले महीने राजस्थान में मिग क्रैश हुआ था
इससे पहले 5 जनवरी को राजस्थान के सूरतगढ़ एयरबेस पर भी मिग-21 बाइसन क्रैश हुआ था। हालांकि, इस हादसे में पायलट को सुरक्षित निकाल लिया गया था। यह इस साल मिग का पहला हादसा था।
रूस और चीन के बाद भारत सबसे बड़ा ऑपरेटर
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेम्बल करने का अधिकार और तकनीक भी हासिल कर ली थी।
तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है।