एंटीलिया केस में NIA की जांच:कुर्सी गंवाने के बावजूद कम नहीं हुई परमबीर सिंह की मुश्किलें, NIA कर सकती है पूछताछ; देने पड़ सकते हैं इन सवालों के जवाबमुंबई पुलिस कमिश्नर की कुर्सी गंवाने के बावजूद परमबीर सिंह की मुश्किलें कम नहीं होने वाली है। सूत्रों की माने तो एंटीलिया केस में जांच करने वाली NIA की टीम जल्द उनसे भी पूछताछ कर सकती है। इसके लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी भी मांगी गई है। एंटीलिया केस में गिरफ्तार सचिन वझे की सीधी रिपोर्टिंग परमबीर सिंह को थी। जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो बरामदगी के बाद सचिन वझे के हाथ में इसकी जांच सौंपने वाले भी परमबीर सिंह ही थे। परमबीर सिंह को फिलहाल होमगार्ड विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
अगर NIA परमबीर सिंह से पूछताछ करती है तो उन्हें इन सवालों के जवाब देने पड़ सकते हैं…
16 साल तक सस्पेंड रहने पर सचिन वझे किस आधार पर फिर से बहाल किया गया?
क्राइम ब्रांच में कई सीनियर होने के बावजूद उन्हें क्यों CIU का हेड बनाया गया?
प्रोटोकॉल नियम को दरकिनार करते हुए वझे क्यों सीधे आपको रिपोर्ट करते थे?
आपने उनके ज्वाइन करने के तुरंत बाद लगभग सभी बड़े महत्वपूर्ण केस उन्हें क्यों सौंपे?
एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर होने के बावजूद वझे के रसूख पर आपको कभी संदेह नहीं हुआ?
एंटीलिया केस की जानकारी मिलने के बाद ज्यूरिडिक्शन नहीं होने के बावजूद सचिन वझे को इसकी जांच क्यों सौंपी गई?
सचिन वझे को स्पेशल पॉवर देने के लिए क्या कभी किसी पॉलिटिकल व्यक्ति ने दबाव दिया था?
वझे की गिरफ्तारी के बाद से परमबीर को लेकर शुरू हुई थी चर्चा
मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से परमबीर सिंह को भले ही बुधवार को हटाया गया है लेकिन उन्हें हटाने की आशंका सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद से होने लगी थी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद भी उन्हें हटाने पर चर्चा जोर हुई। सूत्रों के मुताबिक, महाविकास अघाड़ी नेताओं की बैठक में भी परमबीर सिंह को हटाने पर चर्चा हुई थी। इससे एक दिन पहले CM ने मुंबई पुलिस के कई आलाधिकारियों से मुलाकात की थी, जिसमें हेमंत नागराले भी शामिल थे। तभी से नागराले का नाम मुंबई पुलिस कमिश्नर के लिए चल रहा था। बुधवार को महाराष्ट्र के गृह विभाग ने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को बदलने का आदेश जारी कर दिया और उनकी जगह नया कमिश्नर नियुक्त कर दिया।
इन अधिकारियों से भी हो सकती है पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) मिलिंद भारंबे और पुलिस उपायुक्त (क्राइम) प्रकाश जाधव का बयान भी एनआईए की टीम दर्ज करेगी। एनआईए यह जानना चाहती है कि किसके कहने पर सचिन वझे को स्कॉर्पियो मामले की जांच सौंपी गयी थी। एनआईए भारंबे व जाधव के बयान को काफी अहम मान रही है।
अजित पवार को दी थी क्लीनचिट
परमबीर सिंह 2020 की फरवरी में मुंबई पुलिस का कमिश्नर नियुक्त किया गया था। मुंबई पुलिस कमिश्नर बनने के पहले वह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक थे। इस पद पर भी उन्होंने एक ऐसा फैसला दिया था जो खूब चर्चा में रहा था। उनके कार्यकाल में ही नवम्बर 2019 में एसीबी ने एनसीपी नेता और उप मुख्यमंत्री अजित पवार को सिंचाई घोटाले के मामले में क्लीन चिट दे दी थी।