नेपाल में प्रचंड की कवायद:पुष्प कमल ने पार्टी के नाम से माओवाद शब्द हटाने का प्रस्ताव रखा, कहा- जो माओ को पसंद नहीं करते उन्हें साथ लाएंगेनेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) के प्रमुख पुष्प कमल दहल प्रचंड ने अपनी पार्टी के नाम के आगे से माओवादी सेंटर हटाने का प्रस्ताव रखा है। इस कवायद के पीछे प्रचंड का तर्क है कि कम्युनिस्ट विचारधारा वाले ऐसे लोग, जो माओ को पसंद नहीं करते हैं, उन सभी को साथ लाएंगे। पार्टी के शिवकुमार मंडल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड हमेशा से कम्युनिस्टों की एकता के हामी रहे हैं। इसलिए उन्होंने अब पार्टी के नाम के आगे से माओ शब्द हटाने का प्रस्ताव किया है। अब कम्युनिस्टों को एक करने में उनके प्रयासों को तेज किया जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी की मान्यता रद्द की
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अगुवाई वाली सीपीएन (यूएमएल) और पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के विलय की मान्यता को रद्द कर चुका है। दोनों ने 2018 में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) बनाई थी। नेपाल के चुनाव आयोग ने मंगलवार को ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन (यूएमएल) और प्रचंड की अगुवाई में सीपीएन (माओवादी सेंटर) से पूछा कि अगर वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी पार्टियों का फिर से विलय करने का फैसला करते हैं, तो वे पार्टी का नया नाम और चुनाव चिन्ह लेकर आएं।
प्रचंड ने अपने मंत्रियों को इस्तीफा देने को कहा
इससे पहले नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के प्रमुख पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने रविवार को दूसरी बार ओली की अगुवाई वाली सरकार से अपने मंत्रियों को इस्तीफा देने का निर्देश दिया था। शनिवार को भी प्रचंड गुट ने अपने सभी मंत्रियों को अगले 24 घंटे में अपना रुख साफ करने को कहा था। इनमें गृहमंत्री राम बहादुर थापा, ऊर्जा मंत्री, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री बहादुर रायामाझी, जल आपूर्ति मंत्री मणिचंद्र थापा, शहरी विकास मंत्री प्रभु शाह, खेल और युवा मामलों के मंत्री दावा लामा तमांग और श्रम मंत्री गौरीशंकर चौधरी शामिल हैं।
प्रचंड गुट को पार्टी में टूट का डर
प्रचंड गुट ने अब तक दो बार अपने मंत्रियों को इस्तीफा देने का निर्देश जारी कर दिया है। ऐसे में मंत्रियों का रुख कहीं न कहीं पार्टी विरोधी लग रहा है। प्रचंड की पार्टी के केंद्रीय समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि ओली सरकार में हमारे मंत्री इस्तीफा देने के मूड में नहीं लग रहे हैं। पार्टी अब उन्हें व्यक्तिगत रूप से लिखेगी। ओली ने शुक्रवार को केंद्रीय समिति की बैठक की थी, जिसमें 23 नेताओं को समिति में शामिल करने के लिए नॉमिनेट किया था। इसे प्रचंड ने अपनी पार्टी तोड़ने की साजिश बताते हुए ओली पर हमला किया था।
अपने मंत्रियों पर कार्रवाई कर सकते हैं प्रचंड
पार्टी नेताओं के अनुसार, रविवार की बैठक में कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी चर्चा हुई। उद्योग मंत्री लेखराज भट्टा, शहरी विकास मंत्री प्रभु साह और श्रम मंत्री गौरीशंकर चौधरी सीपीएन (एमसी) से संबंधित सांसद हैं, जबकि जल आपूर्ति मंत्री मणि थापा और युवा मंत्री दावा लामा पार्टी के केंद्रीय नेता हैं। ऐसे में अगर वे पार्टी के खिलाफ जाते हैं तो उन्हें दल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।