टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदाेलन का 109 वां दिन:ना झुकेंगे, ना रुकेंगे और ना ही थकना है, अपना हक लेकर रहेंगे, कृषि कानून रद्द कराकर ही अपने घर लौटेंगे किसानकृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए टिकरी बॉर्डर के अलावा कई स्थानों पर धरना दे रहे किसान, निलोठी में पर धरने पर रमेश दलाल बोले-
जहां टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन का सोमवार को 109वां दिन रहा वहीं, गांव निलोठी में 60वें दिन सोमवार को भज्यों के किसानों का धरना जारी रहा। उनकी मांग है कि कृषि कानून रद्द किया जाए। यहां भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि किसानों की एकजुटता से सरकार घबरा चुकी है। उनकी जीत निश्चित है।
किसानों का आंदोलन सर्दी में शुरू हुआ था, लेकिन अब गर्मी आ चुकी है। किसान तेज धूप में भी अपनी मांगों के लिए बैठा है। रमेश दलाल ने कहा कि ना झुकना है, ना रुकना, ना थकना है हमें अपना हक लेकर रहना है। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के किसान अपनी जमीन का उचित मुआवजा लेंगे। तीन कृषि कानूनों को रद्द भी करवाकर रहेंगे।
किसान नेता रमेश दलाल ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को कमजोर ना समझे, देश का किसान जागरूक है। वह अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए लड़ेगा और जीतेगा भी। दलाल ने कहा कि देश का किसान सत्य के साथ अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है। कहा कि निलोठी गांव में संविधान सत्याग्रह आंदोलन के साथ पांच राज्यों के किसान गांधीवादी तरीके से धरना दे रहा है।
उन्होंने कहा कि सत्य को परेशान तो किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता। भले ही झूठ कितना भी बलवान क्यों न हो, हमेशा असत्य की राह पर चलने वालों की ही हार होती है। और सत्य के मार्ग पर चलने वाले की जीत होती है। तीन कृषि काननाें को रद्द कराकर दम लेंगे। इसके बाद किसान अपने घरों को लौटेंगे। किसानों ने कहा कि वे अपने हक के लिए किसी भी हद तक जा रहे हैं। सरकार से अपना हक लेकर रहेंगे। इससे पीछे नहीं हटेंगे। किसानों सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
हरियाणा सरकार के मंत्री, भाजपा व जजपा विधायक आने पर उनका बहिष्कार करेंगे: प्रधान गुलिया
बादली, ढासा बाॅर्डर पर चल रहा किसानों का धरना सोमवार को 97वें दिन में पहुंच गया। यहां गुलिया खाप तीसा प्रधान विनोद गुलिया ने कहा कि जिस प्रकार से झज्जर गुरुकुल के वार्षिक कार्यक्रम में पहुंचने वाले भाजपा व जेजेपी के नेताओं का चाहार खाप के लोगों के साथ मिलकर ढासा बाॅर्डर के किसानों ने विरोध किया। उसी तर्ज पर आगे भी झज्जर जिले में कही भी हरियाणा सरकार के मंत्री या भाजपा और जजपा के विधायक आएंगे तो उनका बहिष्कार किया जाएगा।
अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव रामचंद्र यादव, भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेन्द्र डागर ने बताया कि संयुक्त किसान मार्चा के आह्वान पर सोमवार को महंगाई विरोधी व निजीकरण विरोधी दिवस मनाया। देश ने आजादी के बाद बहुत से क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल की है, जिसमें सरकारी व सार्वजनिक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
भारत सरकार अब इन संस्थानों को देश के बड़े कारपोरेट घरानों की लूट के लिए कोड़ियों के भाव नीलाम कर रही है। किसान आंदोलन ने अपनी इस मांग पर पूरा जोर देकर कहा है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर जो भारी टैक्स लगा रखा है। उसे तुरंत वापस ले। धरने को बिलू कादयान प्रधान कादयान खाप, दीपक धनखड़ कासनी, जगबीर सफीपुर, जय प्रकाश बेनीवाल, डॉ. रामकुमार सचिव गुलिया खाप, बेदपाल ठेकेदार, हिम्मल पहलवान ने भी संबोधित किया।
किसानों ने कृषि कानून रद्द कराने के िलए पीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
बहादुरगढ़ | ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन ने सोमवार को रेलवे स्टेशन के सामने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वे सभी किसान विरोधी काले कानून रद्द करने, बिजली बिल 2020 वापस लेने, सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद का कानून बनाकर गारंटी देने, डीजल-पेट्रोल व रसोई गैस के दाम आधे करने, पब्लिक सेक्टर के उद्यमों व बैंक-रेलवे आदि का निजीकरण बंद करने की मांग कर रहे थे। साथ सभी बंद रेलगाड़ियों को चलाने और बढ़ाया गया रेल किराया वापस लेने व साधारण ट्रेनों में मेल एक्सप्रेस का किराया नहीं लेने की बात कही। संगठन के लोगों ने मजदूर विरोधी सभी नीतियां व चार लेबर कोड वापस लेने आदि मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा व केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान प्रदर्शन किया। इस मौके पर ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर व सर्व कर्मचारी संघ के कार्यकर्ता मौजूद रहे। बाद में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के नाम बहादुरगढ़ के स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर रामकिशन, सतीश कुमार, सीताराम महतो, सीताराम अधिकारी, राजेंद्र सिंह, कांशी राम, रवी किरण, महेश कुमार, साईं कुमार, गंगा व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
ढासा बॉर्डर पर बिजली-पानी व शौचालय की मांगी सुविधा
बादली | तीन कृषि कानूनाें रद्द करवाने के लिए ढासा बॉर्डर पर किसान डटे हैं। धरने के अध्यक्ष विनोद गुलिया ने जिला प्रशासन व बादली उपमंडल प्रशासन से बिजली-पानी सहित धरने पर आने वाली महिलाओं के लिए एक अस्थायी शौचालय रखने की मांग की। किसानों ने कहा कि महिलाओं की परेशानी देखते हुए यह मांग की गई है। गुलिया सहित अन्य वक्ताओं का अाराेप है कि जिला प्रशासन व बादली उपमंडल प्रशासन धरनारत किसानों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा रहा है। धरने पर तीन महिनों से भी ज्यादा का समय किसानों को बैठे हो चुका है। किसी जिला स्तरीय या उपमंडल स्तर के अधिकारी ने किसानों का हाल नहीं जाना। विनोद गुलिया ने धरने पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पहुंच रही हैं। जिला उपायुक्त व बादली उपमंडल एसडीएम काे चाहिए कि महिलाओं की सुविधा के लिए ढासा बॉर्डर अस्थायी शौचालय बनवाए। ढासा बॉर्डर का धरना क्योंकि झज्जर जिले की मुख्य खापों का धरना है। यहां के सभी किसान व विभिन्न गांव से आने वाले लोग लोकल है। इसलिए प्रशासन को इनकी ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। धनखड़ खाप के अध्यक्ष युद्धवीर धनखड़, कादयाण खाप के अध्यक्ष बिल्लू कादयाण, मास्टर मनराज गुलिया, सरजीत गुलिया जंहागीरपुर, बेदन ठेकेदार, शैलेश ठेकेदार, होशियार सिंह गुलिया व अन्य लोगों ने धरने पर जल्द से जल्द महिलाओं के लिए एक सुलभ शौचालय रखने की मांग की।