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तीन दोस्तों ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी से जुड़े ऑनलाइन कोर्स शुरू किए, तीन साल में ही 60 लाख रुपए

तीन दोस्तों ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी से जुड़े ऑनलाइन कोर्स शुरू किए, तीन साल में ही 60 लाख रुपए पहुंचा टर्नओवरअविनाश सिंह, जसकरन मनोचा और आकाश जैन ने KIIT भुवनेश्वर से पढ़ाई की है, उन्होंने साल 2017 में अपना स्टार्टअप शुरू किया है।
उनके स्टार्टअप DIYguru का हाल ही में AICTE के साथ MoU हुआ है, अब उनके ऑनलाइन कोर्स मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के NEAT पोर्टल पर भी उपलब्ध होंगे।
आज की कहानी है तीन दोस्त अविनाश सिंह, जसकरन मनोचा और आकाश जैन की। जिन्होंने भुवनेश्वर की KIIT डीम्ड यूनिवर्सिटी में एक साथ पढ़ाई की, लेकिन सब्जेक्ट अलग-अलग थे। हालांकि जसकरन ने दो साल बाद ही पढ़ाई बीच में छोड़ दी। 2 साल बाद तीनों दोस्त दोबारा दिल्ली में मिले और सितंबर 2017 में DIYguru नाम के एक Edu-Tech स्टार्टअप की शुरुआत की। DIY यानी Do it Yourself के कॉन्सेप्ट पर काम करने वाला यह स्टार्टअप ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से जुड़े प्रोफेशनल्स को अपग्रेड करने और इस इंडस्ट्री में काम व इनोवेशन करने वाले स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन कोर्स और ऑन ग्राउंड प्रेक्टिकल ट्रेनिंग उपलब्ध कराता है। यह स्टार्टअप इलेक्ट्रिक मोबिलिटी वर्कफोर्स को अपस्किल करने के साथ-साथ मेकर्स कल्चर को भी बढ़ावा देता है। वर्तमान में इस स्टार्टअप का टर्नओवर 60 लाख रुपए है।अपने स्टार्टअप के बारे में कंपनी के फाउंडर अविनाश बताते हैं कि ऑनलाइन माध्यम से यह कोर्स करके कोई भी व्यक्ति घर बैठे इलेक्ट्रिक गाड़ियों से जुड़ी तकनीकी जानकारी ले सकता है। इस कोर्स में वर्कशॉप के साथ-साथ ऑन ग्राउंड प्रेक्टिकल नॉलेज भी दी जाती है, जो कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की समझ बढ़ाने में मददगार साबित होता है। वहीं कंपनी के को-फाउंडर जसकरन कहते हैं कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होने बाद भी हम लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए ट्रेनिंग कराते हैं। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से जुड़े हमारे तमाम कोर्सेज में अब तक 56 हजार से ज्यादा लोग ट्रेनिंग ले चुके हैं। ट्रेनिंग के बाद कुछ ने अपनी वर्कशॉप खोल ली है तो कुछ बड़ी कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं। इसके अलावा Bosch, Maruti, Hyundai जैसी कंपनियां भी अपने वर्कर्स को इन कोर्स के जरिए ट्रेनिंग दिलवा रही हैं।’दो साल बाद तीनों दिल्ली में मिले तो अविनाश ने शेयर किया बिजनेस आइडिया

अविनाश 29 साल के हैं वहीं जसकरन और आकाश 27 साल के हैं। KIIT भुवनेश्वर में अविनाश और आकाश इंजीनियरिंग के स्टूडेंट थे, जबकि जसकरन लॉ की पढ़ाई कर रहे थे। अविनाश कॉलेज में आकाश और जसकरन के सीनियर थे। एक दिन कॉलेज के ही एक इवेंट में तीनों की मुलाकात हुई, इसके बाद ये तीनों कॉलेज के सभी इवेंट में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगे और अच्छे दोस्त बन गए। दो साल बाद साल 2015 में जसकरन अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर अपने घर भोपाल आ गए और डिजिटल मार्केटिंग का काम करने लगे। फिर कुछ समय बाद दिल्ली जाकर एक PR कंपनी में जॉब करने लगे। वहीं आकाश फ्रीलांस फोटोग्राफी करने लगे और कुछ समय बाद अविनाश भी दिल्ली जाकर प्रिंट वेन्यू कंपनी में जॉब करने लगे।

इसी बीच एक दिन सोशल मीडिया पर तीनों की बात हुई और तीनों ने मिलने का प्लान बनाया। इस मीटिंग में अविनाश ने अपना बिजनेस आइडिया शेयर किया तो जसकरन और आकाश ने भी इसमें शामिल होने की इच्छा जताई। आखिरकार 12 सितंबर 2017 को तीनों ने DIY गुरु एजुकेशन एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी रजिस्टर्ड कराई और काम शुरू किया। शुरुआत में तीनों अपनी जॉब के साथ-साथ ही इस कंपनी के काम को आगे बढ़ा रहे थे। साल 2018 में अविनाश अपनी नौकरी छोड़कर फुलटाइम इसमें आ गए। 2019 में जसकरन और आकाश भी अपनी नौकरी छाेड़कर पूरा समय अपने बिजनेस को देने लगे। जहां पहले साल कंपनी का टर्नओवर महज 12 लाख था, वो दूसरे साल बढ़कर 40 लाख और तीसरे साल में 60 लाख तक पहुंच गया है।DIYguru के ऑनलाइन कोर्स में क्या है खास?

अविनाश बताते हैं, ‘हमारे कोर्स Automotive Skills Development Council (ASDC) और All India Council for Technical Education (AICTE) की ओर से प्रमाणित हैं। ये कोर्स काफी कम कीमत के हैं। जो 5 हजार (बेसिक कोर्स) से 40 हजार (एडवांस कोर्स) तक के हैं। जिसे कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है और इलेक्ट्रिक कारों से जुड़ी बारीकियां सीखकर कमाई कर सकता है। इन कोर्स के मॉड्यूल में लाइव इंटरेक्टिंग क्लास दी जाती है।’

अविनाश कहते हैं कि कई ऑटोमोबाइल कंपनी अब वर्कफोर्स की डिमांड कर रही हैं, ऐसे में यहां से ट्रेनिंग लिए हुए लोगों को आसानी से नौकरी भी मिल रही है। ये कोर्स तीन स्तर पर डिजाइन किया गया है, जिसमें पहला स्तर ITI या 10वीं पास किए हुए लोगों के लिए है, जो आसानी से इलेक्ट्रिक कार के बारे में समझ सकते हैं। वहीं दूसरे लेवल पर हम ‌BTech किए हुए लोगों को ट्रेनिंग देते हैं, जबकि प्रोफेशनल स्तर के लिए अलग कोर्स हैं, जिसमें गाड़ी की काफी बारीकियों को समझाया जा सकता है।अविनाश कहते हैं, ‘इस कोर्स से सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल जैसे देश के लोग भी सीख रहे हैं। हम भारत के लोगों को रोजगार के सक्षम बनाने का काम कर रहे हैं। हमने कई शहरों में जाकर वर्कशॉप दी है, जिसमें कई कॉलेज भी शामिल हैं। हमारी कंपनी ने IIT से लेकर कई निजी कॉलेजों में भी इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर ट्रेनिंग दी है। इस कोर्स में पढ़ाई के साथ लाइव टेस्ट भी लिया जाता है ताकि हर स्टूडेंट को सब कुछ आसानी से समझ आ जाए। मार्केट को देखते हुए हमने इस कोर्स के लिए कम फीस रखी है। हमारा लक्ष्य इसको समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का है।’

हाल ही में DIYguru का मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के अंतर्गत आने वाले ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के साथ MoU भी हुआ है। जिसके तहत अब DIYguru का इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का ऑनलाइन कोर्स मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के नेशनल एजुकेशनल एलायंस फॉर टेक्नोलॉजी (NEAT) पोर्टल पर भी उपलब्ध होगा। जिसे AICTE से एफिलिएटेड कॉलेज के स्टूडेंट्स बहुत ही सामान्य शुल्क देकर कर सकेंगे।

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