म्यांमार में सैन्य शासन की दमन नीति:तख्तापलट के विरोध में जुटे प्रदर्शनकारियों पर फिर बरसाईं गोलियां, 8 की मौत; गोला- बारूद इस्तेमाल करने का आरोपम्यांमार में तख्तापलट और नाइट कर्फ्यू का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर शनिवार को सुरक्षा बलों ने ओपन फायरिंग कर दी। इसमें 8 से ज्यादा लोग मारे गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना शनिवार सुबह म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून की है। शहर के बाहरी इलाके में तीन लोगों की मौत हुई है। जबकि तीन अन्य प्रदर्शनकारियों की मौत मंडल्य शहर में हुई। सभी की मौत गोली लगने से हुई है।
थाकेटा टाउनशिप में सुरक्षाबलों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाईं थी। इस दौरान दो लोगों की गोली लगने से मौत हो गई। ये सभी गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीसरे प्रदर्शनकारी की मौत ह्लाइंट टाउनशिप में की गई। यहां भी प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर गोली चलाई गई थी।
सेना पर गोला बारूद इस्तेमाल करने का आरोप
जापान न्यूज आउटलेट के मुताबिक, सेंट्रल म्यांमार के मंडल्य में तीन लोगों की भी मौत हुई है। इस दौरान सुरक्षाबलों ने कथित तौर पर गोला बारूद का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों पर किया। शनिवार सुबह एक प्रदर्शनकारी को खदेड़ दिया गया। जबकि, एक मौत प्याय में हुई है। यह देश की राजधानी नेपीता से 140 KM दक्षिण में स्थित है।
झूठे आरोप में मीडिया संस्थानों पर सेना का शिकंजा
न्यूज वेबसाइट द इरावदी के अनुसार, उस पर सामाजिक शांति भंग करने का झूठा आरोप लगाया गया है। सैन्य शासन लगने के बाद ये पहली बार जब एक न्यूज रिपोर्टर नहीं बल्कि एक मीडिया संस्थान ने आरोपों का सामना किया है।
पिछले कुछ वक्त से सू की कहीं नजरबंद
सू की को पिछले 5 हफ्तों से अज्ञात जगह पर रखा गया है। वे गैर-कानूनी रूप से रेडियो उपकरण रखने और कोविड-19 नियमों को तोड़ने सहित कई आरोपों का सामना कर रही हैं।
सेना के खिलाफ प्रदर्शन में 70 से ज्यादा की मौत
1 फरवरी को सैन्य शासन लगने और तख्तापलट के बाद से म्यांमार की सड़कों पर लगातार प्रदर्शन जारी है। वहीं, सेना इन प्रदर्शनकारियों पर लगातार दमन की नीति अपनाए हुए है। सैकड़ों की संख्या में लोग सैन्य शासन के खिलाफ पूरे देश में सड़कों पर डटे हुए हैं। साउथ एशियन देशों में ह्यूमन राइट के एक्सपर्ट का कहना है कि अब तक प्रदर्शन के दौरान 70 लोगों की मौत हुई है। जबकि 2 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले गुरुवार को भी विरोध के दौरान 7 लोगों की मौत हो गई।