किसान आंदोलन:टिकरी-कुंडली में करीब 27 पक्के मकान, 22 सबमर्सिबल लगाए, दो एफआईआर दर्ज3 माह से हाईवे पर खुदाई और अवैध निर्माण किए जा रहे
कुंडली में रुकवाया निर्माण, टिकरी बॉर्डर पर 1000 किसानों के लिए मकान बनाने की योजना
किसान आंदोलन को 3 माह से ज्यादा समय हो चुका है। गर्मी को देखते हुए किसान कुंडली और टिकरी बॉर्डर पर पक्की दीवारें बनाकर उनपर छप्पर व टीन डाल चुके हैं। ऐसे मकान टीकरी बॉर्डर व बहादुरगढ़ बाईपास पर 25 से ज्यादा और कुंडली में दो हैं। ऐसे ही टिकरी बॉर्डर पर ग्रीन बेल्ट में किसानों ने 20 से ज्यादा सबमर्सिबल बोरवेल कर लिए हैं।
कुंडली में भी दो जगह बोरवेल किए जा चुके हैं। कुंडली में एनएच 44 पर ईंटों के पक्के मकान बनाने के मामले में कुंडली थाना पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें एक एफआईआर एनएचएआई के अधिकारी व दूसरी कुंडली नगर पालिका के सचिव ने कराई गई है, जबकि टिकरी बॉर्डर पर अवैध निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन बोरवेल को लेकर अधिकारियों व प्रशासन के बीच बुलाई है। किसानों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त पानी मिलता तो वे क्यों बोरवेल करते।
कुंडली में एनएचएआई के प्रोजेक्ट निदेशक आनंद कुमार की शिकायत पर अज्ञात किसानों के खिलाफ अवैध निर्माण करने के आरोप में नेशनल हाइवे एक्ट 1956 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी धारा 188 के तहत नगर पालिका कार्यालय अधिकारी पवन कुमार की शिकायत पर किसान कर्म सिंह निवासी पंजाब के खिलाफ की गई है। बता दें कि हाईवे पर अवैध निर्माण करने के मामले में 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। जबकि धारा 188 में 6 माह तक की सजा होने का प्रावधान है। दोनों केस कुंडली में दर्ज किए गए हैं।
बहादुरगढ़ में किसानों व प्रशासन के बीच बैठक कल
बहादुरगढ़ टिकरी बाॅर्डर पर 26 नवंबर से किसानों द्वारा यहां सड़कों व ग्रीन बेल्ट में सबर्मसिबल लगाने व दो माह से पक्के मकान व झोपड़ियां तैयार करने का सिलसिला बेरोकटोक जारी रहा। अब तीन माह बाद प्रशासन की नींद खुली है। शनिवार को एसडीएम हितेंद्र कुमार व डीएसपी पवन शर्मा ने अधिकारियों के साथ मौके का दौरा किया व किसानों से बात की।
किसानों ने कहा कि यदि उन्हें पर्याप्त पानी व बिजली आदि सुविधाएं दी जाती है तो वे सबर्मसिबल क्यों लगाते। अब सोमवार दोपहर मिनी सचिवालय में प्रशासन व किसानों के बीच बैठक होगी। टिकरी बॉर्डर व बाइपास पर किसानों ने पक्की दीवारे बनाकर उनपर छप्पर व टीन की छतें बना रखी है। यहां 20 से ज्यादा सबमर्सिबल बोर हाईवे के बराबर में कर रखे हैं, जो स्ट्रीट लाइटों से बिजली लेकर चलाए जा रहे हैं। किसानों ने बताया कि वे प्रशासन की इन मांगों को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
वेलस्पन ने एनएचएआई को शिकायत भेजी
वेलस्पन कंपनी द्वारा एक शिकायत एनएचएआई को भेजी गई है, जिसमें आरोप लगाया कि किसानों ने हाईवे की सड़क की खुदाई कर यहां मकान बनाने शुरू कर दिए हैं। इससे निर्माण कार्य प्रभावित होगा। पिछले तीन महीने से बीसवां मिल से कुंडली तक निर्माण कार्य भी बंद है। कंपनी का मेटिरियल भी पड़ा हुआ था। जिससे छेड़छाड़ होने की आशंका है। उन्होंने एनएचएआई से जल्द निर्माण कार्य शुरू कराने की भी मांग की है।
एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा टीम किसानों से संपर्क कर रही है। हालांकि पिछले दो दिन से मकान बनाने के लिए चिनाई का बंद पड़ा है। डीएसपी ने कहा कि हाईवे पर निर्माण करना नेशनल हाईवे एक्ट का उल्लंघन है। किसान गुरुमुख सिंह, रोमी मनियांस ने कहा कि वे यहां ईंट के मकान बना रहे हैं। किसान पीछे कदम नहीं हटा सकते।