आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम:पंजाब सहित तीन राज्यों में बनेगा बल्क ड्रग्स पार्क, 75 हजार को मिलेगा रोजगारभारत में सालाना करीब 3 लाख करोड़ रुपए का है दवा कारोबार
हिमाचल, महाराष्ट्र और हरियाणा सहित 13 राज्यों ने दी है अर्जी
दवाओं के रॉ मेटेरियल (एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रेडिएंट) के लिए चीन पर निर्भरता खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने तीन बल्क ड्रग्स पार्क बनाने की घोषणा की थी। इसे लेकर जो आवेदन आए हैं उनमें पंजाब, हिमाचल, महाराष्ट्र व हरियाणा की स्थिति सबसे बेहतर है। जिन 13 राज्यों ने आवेदन किया उनमें पंजाब पहले नंबर है। जिन नियम और शर्तों पर राज्यों को ड्रग्स पार्क आवंटित होना है।
उसमें पंजाब की ओर से भूमि और दूसरे संसाधनों के लिए जो दर बताई गई है वह सबसे कम है। ऐसे में तीन में से एक पार्क पंजाब को मिलना तय है। वहीं, हिमाचल, महाराष्ट्र और हरियाणा की स्थिति भी बेहतर है। हालांकि रसायन और उवर्रक मंत्रालय ने अंतिम निर्णय नहीं लिया है।
वहीं, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, यूपी, हरियाणा, केरल और राजस्थान ने वर्तमान नियम-शर्तों में बदलाव की भी मांग की है। एक बल्क ड्रग्स पार्क पर केंद्र एक हजार करोड़ और राज्य सरकार 400 करोड़ रु. देगी।
एक पार्क में कम से कम 80 कंपनियों को प्लांट लगाने का मौका मिलेगा। हर वर्ष एक पार्क से 20 हजार करोड़ रु. के एपीआई बिक्री का अनुमान है। तीनों पार्क शुरू होने पर करीब 75 हजार रोजगार भी पैदा होंगे। देश में तीन लाख करोड़ रु. का सालाना दवा कारोबार है जिसमें डेढ़ लाख करोड़ का घरेलू बाजार और डेढ़ लाख करोड़ की दवा का निर्यात विदेश में होता है। कारोबार सालाना 10 प्रतिशत दर से बढ़ रहा है। दवा बनाने में भारत दुनिया में तीसरे जबकि कीमत के मामले में 10वें स्थान पर है।
ड्रग्स पार्क आवंटन के लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं। जिन राज्यों में 500 से 800 एकड़ जमीन है उन्हें 10 अंक, 801 से हजार एकड़ जमीन पर 15 और इससे ज्यादा भूमि होने पर 25 अंक तय हैं। बिजली, अपशिष्ट निष्पादन, वेयरहाउस और पार्क प्रबंधन के 30 अंक हैं।
जमीन की कीमत और रेंट या लीज पर 10 अंक, प्लांट से राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे स्टेशन और पोर्ट की दूरी पर पांच अंक, पर्यावरण की दृष्टि से पांच अंक, राज्य सरकार की पॉलिसी पर 15 अंक, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर 10 और तकनीकी मानव संसाधन की उपलब्धता पर 10 अंक दिए गए हैं।
चीन पर 70% से ज्यादा निर्भरता
भारत दुनिया के अलग-अलग देशों के 903 साइट से एपीआई और केएसएम आयात करता है। 903 में से 574 साइट चीन में हैं। बाकी 329 बाकी देशों में हैं। भारत कुल 814 प्रोडक्ट अलग-अलग देशों से मंगवाता है जिसमें चीन से 383 और 431 अन्य देशों से है।