सीएम फ्लाइंग की ऑयल मिल पर रेड:मौके पर राइस ब्राॅन का तेल मिला, मिल को किया सीलसीएम फ्लाइंग की टीम ने शुक्रवार गांव सादिकपुर में श्री गोपाल ऑयल मिल पर छापा मारा। इस छापेमारी की प्रारंभिक जांच में यहां नामी कंपनियों के नामों से मिलते-जुलते 16 तरह के लेबल लगी तेल से भरी बोतलों व टीन मिले। यह फैक्ट्री करीब 15 साल से चल रही थी, जिसमें सरसों के शुद्ध तेल के नाम पर मिलावटी तेल पैक किया जा रहा था।
मौके पर काफी मात्रा में राइस ब्रान ऑयल मिला है जो सरसों के तेल से काफी सस्ता है। पैकिंग पर डेट साल 2020 की लिखी थी, जबकि पैकिंग 2021 में की जा रही थी। इतना ही नहीं, पैकिंग पर ट्रेड नंबर तक नहीं था। रेट भी पेन से लिखे जा रहे थे। मौके पर विपिन अदलखा मिला।
उसने खुद को ऑयल मिल का मालिक बताया। वह 16 लेबलों में से केवल 4 का ही ट्रेड मार्क लाइसेंस दिखा पाया, जबकि बाकी किसी भी लेबल का उसके पास ट्रेडमार्क लाइसेंस मौके पर मौजूद नहीं था। यह ऑयल मिल 15 साल से काम कर रही है। सीएम फ्लाइंग के दिनेश के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग के डॉ. विपिन गोंदवाल व हेल्थ सुपरवाइजर विनोद की मदद से तेल के सैंपल लेने की कार्रवाई देर शाम तक जारी थी।
शाम को मिल को सील कर दिया गया था। फिल्टर की बात पैकिंग पर लिखी थी, जबकि मौके पर फिल्टर की हालत बता रही थी ये यूज ही नहीं हुए। टीम ने जब श्री गोपाल ऑयल मिल पर छापेमारी की तो उस समय एक टैंकर से राइस ब्राॅन तेल अनलोड किया जा रहा था, जबकि ऑयल मिल से मिले सभी तरह के लेबलों पर यहां सरसों का तेल बनाए जाने की बात लिखी हुई पाई गई।
यहां बाहर से राइस ब्राॅन तेल लगाकर उसे सरसों के तेल में बदलने का अवैध धंधा किए जाने के प्रारंभिक प्रमाण मिले हैं। इस छापेमारी के दौरान ऑयल मिल मालिक के पास मौके पर कोई बिल बुक, तैयार माल का स्टॉक रजिस्टर या कच्चे माल का कोई रजिस्टर मौजूद नहीं था।
यही नहीं, ऑयल मिल का मालिक तेल को पैक करने का भी लाइसेंस नहीं दिखा पाया। डॉ. विपिन गोंदवाल के मांगने पर ऑयल मिल मालिक फूड सेफ्टी विभाग का कोई भी क्लीयरेंस प्रमाण पत्र नहीं दिखा पाया। डॉ. विपिन गोंदवाल के अनुसार फूड सेफ्टी विभाग से सैंपल पास करवाने के बाद ही किसी भी उत्पाद की पैकिंग की जा सकती है। इस ऑयल मिल में तेल पैकिंग के दौरान नजर आ रही गंदगी से लगता है कि यहां स्वच्छता नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है।
मौके पर पहुंचे एचसी जितेंद्र ने राइस ब्राॅन तेल के टैंकर के अलावा परिसर में मौजूद तैयार तेल के स्टॉक को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई की।