वैक्सीनेशन सेंटर तक ले जाएगा गूगल:मैप्स की मदद से वैक्सीनेशन सेंटर ढूंढने में आसानी होगी, वहां पहुंचने का रास्ता भी दिखाएगाकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ गूगल मैप्स कर रहा काम
गूगल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में रैपिड रिस्क रिस्पांस टीम के साथ मिलकर काम कर रहा है
दुनियाभर में कोविड-19 महामारी से बचने के लिए वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। ऐसे में अब वैक्सीनेशन में मदद के लिए लिए गूगल भी आगे आया है। उसने बताया कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर गूगल मैप्स पर वैक्सीनेशन सेंटर की जानकारी देगा। यानी मैप्स की मदद से लोग सेंटर को सर्च कर पाएंगे और उस तक आसानी से पहुंच पाएंगे।
गूगल ने बताया कि आने वाले कुछ सप्ताह में वैक्सीनेशन सेंटर से जुड़ी जानकारी वाला फीचर रोलआउट कर देगा। कोविशील्ड और कोवैक्सिन को मंजूरी मिलने के बाद 16 जनवरी से देश में वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। अब तक 2.6 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है।
महामारी से बचाव हम सभी की जिम्मेदारी
गूगल इंडिया ने कहा, “कोविड-19 लगातार हमारी कम्युनिटीज को चुनौती दे रहा है। ऐसे में इस महामारी से बचाव के लिए देश की हेल्थ एजेंसी के साथ हम सबकी भी जिम्मेदारी बनती है। हम मैप्स में ऐसा फीचर रोलआउट करने वाले हैं जिससे वैक्सीनेशन के लिए मदद मिल सकती है। अब सभी का सामान्य स्थिति में लौटना बहुत जरूरी है।”
वैक्सीनेशन से जुड़ी गलत सूचनाओं पर रोक लगाई
कंपनी ने कहा कि वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में रैपिड रिस्क रिस्पांस टीम के साथ मिलकर काम कर रही है। ये पूरे क्षेत्र और भाषाओं में सोशल मीडिया लिसनिंग टूल का इस्तेमाल करके गलत सूचनाओं पर नजर रख रही है। कुल मिलाकर ये वैक्सीनेशन और महामारी के लेकर आने वाले रिएक्शन पर साइंस बेस्ड मैसेज के साथ मुकाबला कर रही है।
वैक्सीनेशन से जुड़ी जरूरी जानकारी दिखाई
वैक्सीनेशन का पहला चरण के शुरू होने के कुछ ही समय बाद कंपनी ने गूगल सर्च में नॉलेज पैनल तैयार किया था। ये कोविड वैक्सीन से संबंधित सभी तरह की जानकारी दे रही थी। ये पैनल दोनों वैक्सीन, सुरक्षा, डिस्ट्रिब्यूशन, साइड इफेक्ट्स जैसी सभी जानकारियां दे रहे थे। जानकारी को अंग्रेजी के साथ 8 भारतीय भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, मराठी, गुजराती और बंगाली में दिखाया गया।