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बिजली दरें सस्ती, अवैध फैक्ट्री नियमित और टैक्सटाइल पार्क के बजट मंजूर हाेने की उम्मीद

बजट से मिली मायूसी:बिजली दरें सस्ती, अवैध फैक्ट्री नियमित और टैक्सटाइल पार्क के बजट मंजूर हाेने की उम्मीद टूटने से उद्यमी मायूसकरीब 12,500 कराेड़ टैक्स देने वाले टैक्सटाइल हब पानीपत काे मनाेहर के 1,55,645 करोड़ के बजट ने किया उदास
एकमात्र सौगात – पानीपत से डबवाली के बीच 270 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे के प्रस्ताव पर ट्रांसपोर्टर बाेले, इससे हमें काेई लाभ नहीं
उद्यमी बोले- बजट सत्र में सीएम पानीपत का नाम लेना तक भूल गए
अनुमानित 12 हजार 500 कराेड़ रुपए सालाना टैक्स देने वाले टैक्सटाइल हब पानीपत काे प्रदेश सरकार के 1,55,645 करोड़ रुपए के बजट से मायूसी मिली है। उद्यमियाें का कहना है कि उद्यमी करीब 8.50 हजार कराेड़ और पानीपत रिफाइनरी करीब 4000 हजार कराेड़ रुपए टैक्स देती है। इसके बाद भी सीएम मनाेहर लाल ने उद्याेगपतियाें से भेदभाव किया है।

सरकार काे अपने बजट पर पुन: विचार करना चाहिए, क्याेंकि इस बजट सत्र में ताे सीएम पानीपत का नाम तक लेना भूल गए। वहीं किसानाें ने भी बजट काे छलावा मात्र ही बताया है।

किसानाें ने बजट काे बताया छलावा, बाेले 3 कृषि कानूनाें से ही मुक्ति दिलाए ताे मानेंगे किसान हितैषी है सरकार

पानीपत-डबवाली बीच एक्सप्रेस-वे का प्रस्ताव

बजट में पानीपत से डबवाली के बीच करीब 270 किलाेमीटर एक्सप्रेस-वे के निर्माण का प्रस्ताव शामिल किया गया है। यह पानीपत से सफीदाें, नगूरां, उचाना, भूना, रतिया, सरदूलगढ़ व डबवाली तक बनेगा। उद्यमियाें का कहना है कि इस मार्ग से लाभ नहीं मिलेगा। वहीं, ट्रांसपाेर्टर मनु मलिक का कहना है कि पानीपत से सभी कंटेनर दिल्ली व राेहतक हाईवे से हाेते हुए गुजरात व मुंबई बंदरगाह तक पहुंचते हैं। ट्रांसपाेर्टराें के लिए ताे पानीपत-डबवाली एक्सप्रेस-वे किसी भी रूप में प्रयाेग हाेने की उम्मीद नहीं है।

ये 3 बड़ी मांग पूरी नहीं हाेने की टूटी उम्मीद

  1. टैक्सटाइल पार्क के लिए बजट

हरियाणा चैंबर्स ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन एवं उद्योगपति विनाेद खंडेलवाल ने कहा कि सांसद संजय भाटिया ने लाेकसभा में विशेष रूप से टैक्सटाइल पार्क निर्माण की मांग रखी थी। पार्क के लिए बजट की घोषणा हाेनी चाहिए थी।

यह मिलेगा लाभ : पानीपत में टैक्सटाइल पार्क बनने से उद्याेगपतियाें काे नए उद्याेग धंधे स्थापित करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। इससे हमारे उद्यमी चाइना जैसे देश काे भी फाइट कर सकेंगे।

  1. बिजली दरें की जा सकती थी सस्ती

हरियाणा चैंबर्स ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व वाइस चेयरमैन एवं उद्योगपति माेहन लाल गर्ग का कहना है कि डीजल व अन्य ईंधन ताे पहले से ही बहुत महंगे हैं। बजट में बिजली दरें सस्ती करके राहत दी जा सकती थी। हमारी यह उम्मीद बजट पेश हाेने के साथ ही टूट गई।

यह मिलेगा लाभ : बिजली दरें सस्ती हाेने पर हम चाइना काे फाइट कर सकते हैं। इससे सरकार का मेक इन इंडिया का सपना पूरा हाे सकता है।

  1. अवैध फैक्ट्रियां नियमित करने की याेजना

उद्यमी राकेश भाटिया व उद्यमी राकेश चुघ ने कहा कि शहर में बहुत सारी फैक्ट्रियाें काे अवैध बताकर विभिन्न विभागाें की टीमें कार्रवाई करती हैं। जाे फैक्ट्री 100 प्रतिशत पूरी है और काम भी नियमित चलता है, उन्हें रेगुलाइज करने की याेजना बजट में लानी चाहिए थी।

यह मिलता लाभ : इससे उद्योगपति बिना किसी के डर के नियमित काम कर सकते हैं। शहर में आए दिन फैक्ट्रियां गिराई जाती हैं। इस तरह की सभी कार्यवाही बंद हाे जाएंगी।

उम्मीद भी नहीं थी अाैर कुछ मिला भी नहीं : सीए

इस बजट से हम काेई उम्मीद भी नहीं कर सकते। हमें मिला भी कुछ नहीं है। उद्यमियाें काे ताे केंद्र सरकार के बजट में जीएसटी व अन्य याेजनाओं से संबंधित पैकेज मिलते हैं। फिर भी प्रदेश सरकार चाहती ताे पानीपत की सबसे पुरानी इंडस्ट्री सेक्टर स्थापित करने की मांग पूरी कर सकती थी। सरकार खुद ही प्लाॅट्स काटकर प्लांट स्थापित करके उद्यमियाें काे किराए पर देती है।

ऐसा हाेने पर ही सरकार की स्थानीय युवाओं काे नाैकरी में 75 प्रतिशत आरक्षण देने की याेजना पूरी हाेगी। उद्याेग स्थापित करना आसान नहीं है। सरकार उद्यमियाें काे अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर दे।
-शशी चड्ढ़ा, सीए एवं एडवाइजर, हरियाणा चैंबर्स ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री

कृषि कानून रद्द कर राहत दे सरकार : भाकियू

यह बजट किसानाें के लिए छलावा मात्र है। अगर सरकार खुद काे किसान हितैशी बताती है ताे 3 कृषि कानून रद्द करके राहत दे। सरकार अपने किसानाें काे आयुष्मान भारत याेजना से जाेड़ने के वायदे से भी मुकर गई है। इसमें उन किसानाें काे शामिल करना था, जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन व एक लाख 76 हजार से कम अाया है।

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