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प्रतिमा लगाने पर विवाद:मिहिर भोज को गुर्जर बता गुर्जर सभा ने 14 लाख खर्च कर प्रतिमा बनवाई,

प्रतिमा लगाने पर विवाद:मिहिर भोज को गुर्जर बता गुर्जर सभा ने 14 लाख खर्च कर प्रतिमा बनवाई, शिक्षा मंत्री ने अनावरण कियाप्रतिमा लगाने पर विवाद:मिहिर भोज को गुर्जर बता गुर्जर सभा ने 14 लाख खर्च कर प्रतिमा बनवाई, शिक्षा मंत्री ने अनावरण कियाराजपूत समाज के लोग प्रतिमा के अनावरण के दिन से ही कर रहे हैं विरोध, शिक्षा मंत्री के आवास तक जा चुके थे, शुक्रवार को सीएम के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
प्रशासन को 17 मार्च तक का अल्टीमेटम, फिर बनाएंगे रणनीति, , राजपूत बोले- मिहिर भोज राजपूत थे, गुर्जर शब्द नहीं हटाया तो आंदोलन होगा
राजा मिहिर भोज को गुर्जर बताकर उनकी जगाधरी में छछरौली रोड स्थित त्रिवेणी चौक पर प्रतिमा लगाने पर विवाद हो गया। जहां गुर्जर समाज के लोग मिहिर भोज को गुर्जर समुदाय से बता रहे हैं तो वहीं राजपूत समाज के लोग उनके राजपूत होने का दावा कर रहे हैं।

कई दिन से विरोध की रणनीति बना रहे राजपूत समाज के लोग एकजुट होकर शुक्रवार को डीसी आफिस पहुंचे। यहां उन्होंने मिहिर भोज को राजपूत करार दिया और गुर्जर सभा की ओर से उनके नाम के आगे लगाए गुर्जर शब्द को हटाने की मांग की।

राजपूत समाज से सोनू राणा, देवी दयाल, विक्रांत, दलीप व विनोद राणा समेत अन्य ज्ञापन देने पहुंचे थे। उन्होंने एसडीएम को सीएम के नाम ज्ञापन दिया। इसके बाद एसपी कमलदीप गोयल ने उन्हें बुलाया। विरोध करने वालों का कहना था कि मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर लगाकर पूरे हिंदू समाज को भ्रमित करने का काम किया है क्योंकि मिहिर भोज गुर्जर नहीं थे। वे राजपूत समाज से थे।

मिहिर भोज ने गुर्जर प्रदेश को जीता था इसलिए उन्हें गुर्जर की उपाधि दी गई थी। इतना ही नहीं यूपीएससी, एसएससी की साल 2007 की परीक्षा, एसएससी मैट्रिक परीक्षा साल 2006 में पूछे गए सवाल में मिहिर भोज को राजपूत बताया गया।

एनसीईआरटी किताबों में भी उन्हें राजपूत बताया गया है। उनकी मांग है कि जो प्रतिमा लगाई गई है, उससे गुर्जर शब्द हटवाया जाए। इसके साथ ही इतिहासकारों की एक कमेटी बनाई जाए जोकि तथ्यों के आधार पर फैसला करें। उन्होंने प्रशासन को कहा कि 17 मार्च तक वे इंतजार करेंगे। अगर उनकी मांग अनुसार शब्द नहीं हटा तो 18 को आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने 7 मार्च को किया था प्रतिमा का अनावरण

गुर्जर समाज की ओर से शहर में एक चौक मिहिर भोज के नाम पर रखने की लंबे समय से मांग की जा रही थी। पहले मटका चौक पर प्रतिमा लगाने की मांग उठी लेकिन इसे नहीं माना गया। इसके बाद छछरौली रोड जगाधरी में त्रिवेणी चौक का नाम गुर्जर सम्राट मिहिर भोज चौक रखा गया।

यहां उनकी प्रतिमा लगवाई गई जिसका 7 मार्च को शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने अनावरण किया था। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य भोपाल सिंह खदरी बतौर विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे थे चौक पर हवन व पूजन कराया गया। यहां 14 फीट की प्रतिमा लगाई गई थी। इस पर करीब 14 लाख रुपए की राशि खर्च आया है।

विकिपिडिया राजपूत बता रहा

विकिपिडिया के अनुसार मिहिर भोज प्रतिहार भोज प्रथम प्रतिहार राजवंश के राजा थे। इन्होंने 49 वर्ष तक राज किया था। इनका साम्राज्य अत्यंत विशाल था। मिहिर भोज विष्णु भगवान के भक्त थे और कुछ सिक्कों में इन्हें आदि वराह भी माना गया है। सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार गुर्जरात्रा देश के शासक थे जिसके लिए उन्हें गुर्जर नरेश की उपाधि मिली थी परंतु उनकी जाति राजपूत थी।

शायद इसलिए यहां हो रहा निर्माण निशाने पर रहा| मिहिर भोज को जहां गुर्जर समाज के लोग अपना राजा बता रहे हैं, वहीं चौक पर उनकी प्रतिमा को लगाने को लेकर हो रहा निर्माण कुछ लोगों के निशाने पर था। पहले तो यहां पर चोरी हो गई। इसके बाद प्रतिमा को तोड़ने का प्रयास किया गया। रात को कुछ लोगों ने इसे नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया था।

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