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किसान आंदाेलन का 106 वां दिन:तापमान बढ़ने से किसानों की ट्रालियों व झोपड़ियों में लगे पंखे

टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदाेलन का 106 वां दिन:तापमान बढ़ने से किसानों की ट्रालियों व झोपड़ियों में लगे पंखे, अब लगाई जा रही है फायर सेफ्टी किटकृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन जारी, मौसम में आया बदलाव
न्यूनतम तापमान 19 व अधिकतम 34 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा
टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए अब करीब सौ फीसदी किसानों की झोपड़ियों में पंखे लग गए हैं। इसके साथ-साथ कई व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके साथ-साथ ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के डिजाइन में बदलाव किए जा रहे हैं। उनमें कूलर लगाने का काम किया जा रहा है। ट्रॉलियां ठंडी रहें, इसके लिए उनमें हरे जालीदार कपड़े भी लगाए जा चुके हैं। किसान संगठन भी किसानों की इस व्यवस्था में मदद कर रहे हैं।

किसान नेताओं ने कहा कि किसानों की तादाद टिकरी बॉर्डर पर पहले की ही तरह है पर अब मौसम का रुख बदल गया है। किसानों ने कहा कि अब दिन में बहुत गर्मी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए ट्रॉलियों में पंखों के बाद अब कूलर लगाने की व्यवस्था की जा रही है। कुछ ट्रॉलियों में किसान खुद ही पंखों की व्यवस्था कर रहे हैं, तो कुछ किसान संगठन की तरफ से भी इन व्यवस्थाओं को करने की कोशिश कर रहे हैं। गर्मी में आग या किसी दूसरी दुर्घटना से बचा जाए, इसके लिए विशेष ध्यान रखा जा रहा है। संस्थाएं ट्रॉलियों में फायर सेफ्टी किट लगवा रही हैं।
टिकरी बॉर्डर पर आई ट्रालियाें में दूरी बनाए रखे
गौरतलब है कि गुरुवार को बाइपास पर ग्रीन बेल्ट में आग लगने से किसानों में हड़कंप मच गया था। किसानों ने काफी प्रयास के बाद आग पर काबू पा लिया था। इस बारे में फायर अधिकारी नितेश भारद्वाज ने बताया कि किसानों को ट्रालियों के बीच में कुछ स्थान खाली रखने को कहा गया है। इसके साथ साथ पुलिस को भी फायर कर्मचारियों के फोन नंबर आदि उपलब्ध करवाए गए हैं कि कहीं भी कोई आग लगने की घटना होत है तो समय पर सूचना दी जा सके। जिससे फायर विभाग की टीम बिना समय नष्ट करे मौके पर पहुंच सकती है।

किसानों ने खाली प्लाटों में घर बनाने शुरू किएटिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में चलते जहां बाईपास पर किसानों ने पक्के मकान बनाने का काम शुरु किया हुआ है वहीं किसानों ने हाईवे पर व्यापारियों के खाली पड़े भवनों में भी कमरे तैयार करने का काम शुरु कर दिया है। जिन प्लाटों को मालिक दूर दराज के क्षेत्रों में रहते हैं उनके प्लाटों में ईंटों से चारदिवारी की तैयारी हो गई है। इससे पहले उद्योगों और अन्य प्रतिष्ठानों के गेट से लेकर अंदर परिसर तक ट्रैक्टर-ट्रालियों को खड़ा किया हुआ है। पर अब अब गर्मी की तैयारियां के बीच आंदोलन में किसानों ने खाली प्लाटों पर भी निर्माण करने से व्यापारियों में तरह तरह की चर्चा शुरु हो गई है।

शुक्रवार को इस तरह से एक व्यापारी के खाली प्लाट की दीवार तोड़कर वहां कमरा बनाना शुरू किया तो पड़ोसियों ने एतराज करना शुरु किया है। फिलहाल काम रुक गया है पर ईंट अभी भी प्लाट के अंदर रखी है व कमरे की दीवार बनाने के लिए सीमेंट की जगह मिट्टी की चिनाई की तैयारी कर ली गई है। वैसे कहने को ईंटें कच्ची मंगवाई गई है। पहले सड़क पर तो कई जगह ईंटों की दीवार खड़ी करके पक्के तंबू ही थे प अब वहां पक्के निर्माण से व्यापारियों के भी होश उड़ गए है। मामला दिल्ली सीमा का होने के कारण शनिवार को स्थिति साफ होगी जब प्लाट का मालिक वहां पहुंचेगा।

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