ओवरलोडिंग का खेल:आरटीए के दो चालाक चालक गिरफ्तार, ओवरलोड वाहनों पर रेड को जा रही टीम की लोकेशन गिरोह से करते थे शेयरकैथल पुलिस की एसआईटी को आरटीए की लोकेशन शेयर करने के मामले में मिली बड़ी सफलता
पुलिस ने आरटीओ की सरकारी गाड़ी के दो ड्राइवरों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक ड्राइवर की कुरुक्षेत्र ट्रांसफर हो चुकी थी
ओवरलोड वाहनों को चालान से बचाने के लिए आरटीए की लोकेशन शेयर करने के मामले में कैथल पुलिस की एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने आरटीओ की सरकारी गाड़ी के दो ड्राइवरों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक ड्राइवर की कुरुक्षेत्र ट्रांसफर हो चुकी थी। आरोपी ड्राइवर ओवरलोड भारी वाहन पकड़ने के लिए चेकिंग पर जा रहे अपने अधिकारियों की लोकेशन गिरोह के साथ शेयर करते थे। टीम की लोकेशन बताने की एवज में इन्हें बड़ी रकम मिलती थी। खुलासा होने के बाद पुलिस ने दोनों चालकों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई करके जेल भेज दिया है। पुलिस अब तक इस मामले में 8 आरोपियों को काबू कर चुकी है, जिनसे 1 लाख 15 हजार रुपए, 7 मोबाइल, लैपटॉप व बाइक बरामद की है।
गौरतलब है कि 20 जनवरी को आरटीओ कैथल की सरकारी गाड़ी पर चालक बलजीत सिंह (अब गिरफ्तार हुआ आरोपी) समेत अधिकारी व कर्मचारियों की टीम ओवरलोड वाहनों के चालान के लिए जींद-कैथल रोड पर थाना तितरम के पास मौजूद थी। उन्होंने देखा कि उनकी गाड़ी के पीछे एक युवक अपनी बाइक से टीम का पीछा कर रहा था। टीम ने युवक को काबू कर लिया। आरोपी के पास से मोबाइल बरामद हुआ, जिससे वह टीम की लोकेशन मोबाइल में बनाए राम-राम व अन्य ग्रुपों में शेयर कर रहा था। आरोपी की पहचान प्यौदा रोड कैथल निवासी अभिषेक उर्फ राहुल के तौर पर हुई थी।
इसके बाद एसपी ने डीएसपी विवेक चौधरी के नेतृत्व में एसआईटी बनाई थी। जांच में आरटीओ की सरकारी गाड़ी के ड्राइवर 49 वर्षीय बलजीत सिंह निवासी भट्टगांव जिला सोनीपत व आनंद सिंह निवासी देवीनगर गोहाना जिला सोनीपत को गिरफ्तार किया है। खुलासा हुआ कि आरोपी आनंद 2016 से सितंबर 2020 तक आरटीओ कार्यालय की सरकारी गाड़ी पर ड्राइवर नियुक्त था, जिसका ट्रांसफर कुरुक्षेत्र होने के बाद 7 महीने पहले बलजीत को ड्राइवर लगाया गया था। जब आरटीओ टीम चेकिंग के लिए निकलती तो बलजीत गिरोह के सदस्यों को बता देते थे कि वे आरटीओ टीम किस रोड पर जा रही है। कैथल के एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि आरटीए टीम को पीछा करने के मामले में गठित एसआईटी ने दो सरकारी ड्राइवरों को गिरफ्तार किया है, जो गिरोह से मिले हुए थे।
आनंद 2016 से बता रहे थे रेड टीम की लोकेशन
आरोपी ड्राइवरों ने खुलासा किया कि आनंद 2016 से सितंबर 2020 तक लोकेशन बताने के लिए हैवी वाहन मालिकों से एक लाख रुपए से ज्यादा व बलजीत छह-सात महीने में करीब 45 हजार रुपए ले चुके थे। आरोपियों को जितने रुपए मिलते, ले लेते थे। पुलिस ने आरोपियों से लोकेशन बताने में प्रयोग मोबाइल बरामद कर लिए जबकि वे सिम कार्ड नष्ट कर चुके थे। एसपी ने बताया कि गिरोह से कुछ अन्य सदस्य भी जुड़े हैं, जिनकी पहचान कर तलाश की जा रही है।