महाशिवरात्रि:अम्बाला में भोलेनाथ के अलग-अलग स्वरूपों पर आज होगा अभिषेक, गोल्डन फॉरेस्ट में 72 फुट ऊंची मूर्ति काे पेंट कर दिया नया लुकशिव की 72 फुट ऊंची मूर्ति के नीचे शिव का मंदिर, राम का मंदिर, माता दुर्गा का मंदिर, काली भैराें का मंदिर विद्यमान
शिवरात्रि पर सुबह 6 से रात 8 बजे तक जलाभिषेक हाेगा और रात काे 8:30 से 10:30 बजे तक महारुद्राभिषेक हाेगा
चंडीगढ़ रोड स्थित गाेल्डन फाॅरेस्ट के मंदिर में शिव मूर्ति 72 फुट ऊंची है। इस मंदिर का निर्माण गाेल्डन फाॅरेस्ट कंपनी के मालिक स्व. आरके सियाल और उनके परिवार ने करवाया था। 14 फरवरी 1998 काे शिवरात्रि वाले दिन इस मंदिर काे शुरू किया गया। शिव की 72 फुट ऊंची मूर्ति के नीचे शिव का मंदिर, राम का मंदिर, माता दुर्गा का मंदिर, काली भैराें का मंदिर विद्यमान है। यह मंदिर राेज सुबह 6 से 11 व शाम काे 4 से 8 बजे तक खाेला जाता है।
मंदिर में शिवरात्रि के उपलक्ष्य में हाल ही में पेंट व सफाई करवाई गई जिसमें 3 महीने का समय लगा और पटियाला के 5 कारीगराें ने काम किया। इतनी बड़ी मूर्ति व मंदिर का निर्माण करवाने की साेच गाेल्डन फाॅरेस्ट के मालिक स्व. आरके सियाल की थी। इस समय पं. आरके शास्त्री बताैर सेवादार इसकी देखरेख कर रहे हैं। शिवरात्रि पर सुबह 6 से रात 8 बजे तक जलाभिषेक हाेगा और रात काे 8:30 से 10:30 बजे तक महारुद्राभिषेक हाेगा। 12:30 से दाेपहर 3 बजे तक भंडारा हाेगा। 12 मार्च काे भी सुबह 9 से 11:30 बजे तक महारुद्रायज्ञ और 12:30 से दाेपहर 3 बजे तक भंडारा हाेगा।
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, माॅडल टाउन में चढ़ता है काजल
माॅडल टाउन के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित महाकालेश्वर शिवलिंग पर जल की जगह काजल चढ़ाने की प्रथा है। पंडित जगदीश शास्त्री ने बताया कि शिवलिंग पर 5 साेमवार काे अपनी भावना के अनुसार काजल चढ़ाया जाए ताे सभी की मनाेकामना पूर्ण हाेती है। साेमवार की शाम काे काजल चढ़ता है।
शिवाला अनाज मंडी में पारे से बना शिवलिंग
श्री सत्संग सभा शिवाला अनाज मंडी मंदिर में 306 किलाे का पारद का शिवलिंग है। 2017 में इस शिवलिंग की स्थापना करवाई गई थी। विभिन्न औषधियाें के मेल से उज्जैन व मलाेट से कारीगराें काे बुलाकर इस शिवलिंग काे तैयार किया गया था। मुख्य पुजारी पंडित देव सेमवल ने बताया कि मंदिर का शंख भस्म से राेज श्रृंगार किया जाता है। शिवरात्रि के दिन सुबह से जलाअभिषेक हाेगा।
रानी के तालाब का मंदिर- इस साल भी नहीं खुलेगा
पटेल पार्क शिव मंदिर से कुछ दूरी पर रानी का तालाब है जिसमें शिव का मंदिर स्थित है। पंडित सचिन चाैबे ने बताया कि काेराेना की वजह से पिछले एक साल से मंदिर काे बंद किया हुआ है। यहां शिवरात्रि के दिन कई हजार लाेग माथा टेकने के लिए आते हैं। लेकिन इस बार मंदिर लाेगाें के लिए बंद रहेगा। इसके ऐतिहासिकता के बारे में काेई जानकारी नहीं है। लेकिन किवदंतियाें के मुताबिक 400 साल पुराना यह मंदिर है। शिवमंदिर के अंदर-बाहर लगे होर्डिंग्स पर ये साफ लिखा है कि 400 साल पुराने इस तालाब में छछरौली (कलसिया) रियासत के राजा रणजीत सिंह की पत्नी रोज शाही स्नान करती थी। स्नान के बाद रानी यहां बने शिव मंदिर व ज्ञासी माता मंदिर में पूजा भी करती थी। हालांकि कलसिया रियासत पर अभी तक हुई रिसर्च में रानी के तालाब का कहीं जिक्र नहीं मिला है। इस मंदिर में चांदी की जलहेरी के बीच में शिवलिंग स्थापित है। ऐतिहासिक मंदिर की देखरेख 1999 से पहले साधु महात्मा किया करते थे। 1999 के बाद इस मंदिर काे सेना के अधीन कर दिया गया। तब से सेना इसकी देखरेख कर रही है।