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पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए GST परिषद की सिफारिश जरूरी

वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा:पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए GST परिषद की सिफारिश जरूरी, ये सरकार के हाथ में नहींपेट्रोल-डीजल को गुड सर्विस टैक्स (GST) के दायरे में लाने की चर्चाएं हो रही हैं। लेकिन इस पर राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए GST परिषद की सिफारिश जरूरी है। अभी तक GST परिषद ने ऐसी कोई अनुशंसा नहीं की है।

GST परिषद में होगा फैसला
किसी भी वस्तु पर GST लगाने या हटाने या उनकी दरों में परिवर्तन करने के लिए GST परिषद में फैसला लिया जाता है। इसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं और देश के वित्त मंत्री इसकी अध्यक्षता करते हैं।

पेट्रोल घटकर 75 और डीजल 68 रुपए पर आ सकता है
SBI के अर्थशास्त्रियों के अनुसार देशभर में पेट्रोल का दाम घटकर 75 रुपए और डीजल 68 रुपए प्रति लीटर पर आ सकता है। इसके लिए इसको गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) के दायरे में लाना होगा। लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में ये काफी महंगे बने हुए हैं। मौजूदा कर व्यवस्था में हर राज्य अपने हिसाब से पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाता है और केंद्र अपनी ड्यूटी और सेस अलग से वसूल करता है।

केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर वसूलती हैं भारी भरकम टैक्स
पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइज पर जो अभी 32 रुपए के करीब है, इस पर केंद्र सरकार 33 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं, जिसके बाद इनका दाम बेस प्राइज से 3 गुना तक बढ़ गया है।
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से होने वाली कमाई 5 साल में दो गुनी हुई
पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर एक्साइज ड्यूटी लगाकर केंद्र सरकार ने 2019-20 में 3.34 लाख करोड़ रुपए कमाए। मई 2014 में पहली बार जब मोदी सरकार बनी थी तब 2014-15 में एक्साइज ड्यूटी से 1.72 लाख करोड़ कमाई हुई थी, यानी सिर्फ 5 सालों में ही ये दोगुनी हो गई। वहीं राज्यों को पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाने से होने वाली कमाई 5 साल में 43% बढ़ी है। वित्त वर्ष 2014-15 में इससे होने वाली कमाई 1.37 लाख करोड़ थी जो 2019-20 में बढ़कर 2 लाख करोड़ पर पहुंच गई। कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में वैट से 78 हजार करोड़ की कमाई हुई है।

दिल्ली और महाराष्ट्र ने इन्हें GST के दायरे में लाने की मांग की
दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की मांग की है। महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार ने कहा कि अगर पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाता है तो राज्य सरकारों के साथ साथ केंद्र को भी फायदा पहुंचेगा।

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