पार्क की असुरक्षा:गृहमंत्री विज के ड्रीम पार्क को ‘वीआईपी प्लस’ सुरक्षा, क्योंकि यहां चोरों का खतरा; उद्घाटन से पहले ही तीन एफआईआर दर्ज16 एकड़ के सुभाष पार्क पर खर्च हो चुके 27 करोड़ रुपए
पहले हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में चोरी की घटनाएं होने के कारण यहां पुलिस चौकी शुरू की गई थी
पुलिस चौकी, 14 सीसीटीवी कैमरे, हाईमास्ट व सर्च लाइटें, कंट्रोल रूम, 9 सिक्योरिटी गार्ड, वॉच टावर और चारदीवारी पर कंटीली ग्रिल…इतने सारे इंतजाम सुभाष पार्क की सुरक्षा के लिए हो रहे हैं। गृहमंत्री अनिल विज के ड्रीम प्रोजेक्ट इस पार्क को ये ‘वीआईपी प्लस’ सुरक्षा देना मजबूरी है। क्योंकि यहां चोरों का बड़ा खतरा है। अभी पार्क का उद्घाटन भी नहीं हुआ, लेकिन चोरी की 3 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। चोरी किए सामान में एक लाख कीमत की दो हैरिटेज लाइट शामिल हैं। पार्क के पास की एक बस्ती में कई बार कांबिंग (सर्च अभियान) करनी पड़ी है। पार्क हाउसिंग बोर्ड पुलिस चौकी के एरिया में पड़ता है।
पहले हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में चोरी की घटनाएं होने के कारण यहां पुलिस चौकी शुरू की गई थी। कॉलोनी में सीसीटीवी कैमरे, गेट व प्राइवेट गार्ड के इंतजाम करने पर भी चोरी की घटनाएं कभी नहीं रुकीं। चौकी में दर्ज होने वाली शिकायतों में से 80 फीसदी मामलों में इसी बस्ती के लोग शक के दायरे में होते हैं। अब हाउसिंग बोर्ड पुलिस चौकी को सुभाष पार्क में शिफ्ट करने का प्रपोजल है। पार्क में 900 वर्गगज जमीन पुलिस विभाग को ट्रांसफर करने की फाइल चल रही है। वैसे 16 एकड़ में नए सिरे से तैयार हो रहे पार्क पर 27 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। शुरुआती बजट 19.95 करोड़ का था। कुछ नई चीजें शामिल करने और सुरक्षा इंतजामों की वजह से पार्क का बजट बढ़ता गया। जब पार्क पुराने रूप में था तब चोरों ने टॉयलेट के नल से लेकर लोहे के झूले तक चुरा लिए थे। यहां तक कि सीमेंट से बने बेंच तोड़कर उनमें से सरिया निकाल ले गए थे। इस बार मंत्री विज साफ कह चुके हैं कि पार्क में सौंदर्य, सुविधा और सुरक्षा के मामले में कोई कसर नहीं रहनी चाहिए। 19 जनवरी को दौरा करने के दौरान कुछ काम अधूरे होने से मंत्री ने 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती पर प्रस्तावित उद्घाटन टाल दिया था।
ये होंगे सुरक्षा इंतजाम..
900 वर्ग गज में पुलिस चौकी
9 गार्ड, 14 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे
वॉच टावर व चारदीवारी पर कंटीली ग्रिल