संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण:पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर लगातार दूसरे दिन विपक्ष का हंगामा, नारेबाजी; दोनों सदन कल तक के लिए स्थगितसंसद के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। दोनों सदनों में महंगाई के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। लोकसभा में विपक्ष के सांसदों नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए। इस वजह से दोनों सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही फिर शुरू हुई, तो विपक्ष ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। इस वजह से दोनों सदनों को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।संसद अपडेट्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भाजपा के संसदीय दल की बैठक को संबोधित करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान मौजूदा राजनीतिक मुद्दों और कोविड वैक्सीनेशन को लेकर बातचीत होगी। मोदी लगभग एक साल बाद संसदीय दल को संबोधित करेंगे। भाजपा के संसदीय दल की पिछली बैठक 17 मार्च 2020 को हुई थी।
लोकसभा में पूर्व खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के बीच APMC एक्ट और MSP पर खरीद को लेकर तीखी बहस हुई। हरसिमरत ने सरकार के नए कृषि कानूनों को देश की संघीय व्यवस्था में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जिसे किसानों का विकल्प कह रही है उसी के विरोध में किसान दिल्ली की सीमाओं पर लंबे समय से डटे हुए हैं।
लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करने से पहले कांग्रेस सांसदों ने पूछा- हमारे बोलते वक्त ब्लैकआउट क्यों? इस पर लोकसभा स्पीकर बोले कि हम हंगामा नहीं दिखा सकते।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे महंगाई के मुद्दे पर बहस कराने के लिए उपसभापति से मांग की। उन्होंने कहा कि मैं आपको मनाने में असफल हूं, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों के साथ-साथ अन्य कीमती सामानों की कीमत भी बढ़ी है और इससे देश की जनता परेशान है। इस पर चर्चा होनी ही चाहिए।
विपक्ष की नारेबाजी के बीच उपसभापति ने राज्यसभा में मध्यस्थता कानून पर चर्चा शुरू कराई। यह विधेयक लोकसभा से पहले पारित हो चुका है। इस पर कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा भड़क गए। उन्होंने कहा, ‘सदन की परंपरा रही है कि जब तक सदन के समक्ष उपस्थित किसी विषय का समाधान नहीं निकल आता तब तक किसी और सरकारी कामकाज को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। इस तरह के विषय उठाना विपक्ष का अधिकार है।’
पुराने वक्त पर चलेंगे सदन
मंगलवार से संसद अपने पुराने वक्त के हिसाब से चलेगी। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक काम करेंगी। कोरोना काल में राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही को अलग-अलग टाइमिंग पर चलाया जा रहा था। इस दौरान सांसद दोनों सदनों में बैठते थे, लेकिन अब पुरानी स्थिति लागू कर दी गई है। दोनों सदन एक साथ चलेंगे। वहीं सांसद अपने-अपने सदन में कुछ अंतर के साथ बैठेंगे।
सोमवार को संसद में कांग्रेस की ओर से पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का मुद्दा उठाया गया था। इसी पर आज भी विपक्ष की ओर से हंगामा किया जा सकता है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी सांसदों ने संसद में इसके लिए स्थगन प्रस्ताव भी दिया है।
8 अप्रैल तक चलेगा सेशन
यह सेशन 8 अप्रैल तक चलेगा। हालांकि, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 27 मार्च से 29 अप्रैल तक विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, ऐसे में सत्र के इस भाग में कटौती करने पर विचार हो रहा है। पहला चरण 29 जनवरी से 28 फरवरी तक चला था।
सूत्रों के मुताबिक कई दलों के नेता बजट सत्र में कटौती पर सहमत हैं। सुझाव करीब दो हफ्ते की कटौती का दिया गया है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला सदन के नेताओं की बैठक में किया जा सकता है।
पहले चरण में 99.5% काम हुआ था
बजट सत्र के पहले चरण के दौरान लोकसभा में 99.5% काम हुआ था। इस दौरान, लोकसभा कार्यवाही 50 घंटे की जगह 49.17 मिनट चली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 16.39 घंटे तक चली। बजट पर चर्चा के लिए 10 घंटे तय थे, लेकिन सदन में बहस 14 घंटे तक हुई।