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विशेष व्याख्यान में चेताया:46% आबादी 6 घंटे से ज्यादा यूज करती है मोबाइल,

विशेष व्याख्यान में चेताया:46% आबादी 6 घंटे से ज्यादा यूज करती है मोबाइल, इसलिए बढ़ रहा तनाव- डॉ. आनंदजीजेयू- अप्लाइड साइकोलॉजी विभाग में विशेष व्याख्यान में चेताया
इंटरनेट के अधिक इस्तेमाल से अनेक मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक समस्याएं जुड़ी
जीजेयू अप्लाइड साइकोलॉजी विभाग के विशेष व्याख्यान कार्यक्रम में एनआईएमएच -एएनएस, बैंगलूरू के क्लीनिकल साइकोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नितिन आनंद मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग के अध्यक्ष प्रो. राकेश बहमनी ने की। मुख्य वक्ता डॉ. नितिन आनंद ने कहा कि आधुनिक तकनीक का सही इस्तेमाल करके हम संतुलित जीवन जी सकते हैं। इंटरनेट के अधिक इस्तेमाल से अनेक मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक समस्याएं जुड़ी हैं।

84% आबादी बिना मोबाइल फोन के एक दिन भी नहीं गुजार सकती और भारत की 46% आबादी छह या उससे अधिक घंटे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करती है। भारत के 56% लोगों ने यह स्वीकार किया कि वे पांच घंटे से ज्यादा देर तक मोबाइल फोन के इस्तेमाल के बिना नहीं रह सकते। मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल के कारण पारिवारिक व सामाजिक रिश्तों में कमी आ रही है। दिनचर्या, नींद में बदलाव, स्कूल व कार्यालय सब प्रभावित हो रहे हैं। मनोवैज्ञानिक समस्याएं जैसे इमोशनल कमजोरी, आत्मविश्वास में कमी, तनाव जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।

ये टिप्स दिए

डॉ. नितिन ने बताया कि 5 से 8 वर्ष के बच्चों को केवल 30 मिनट तक ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने दिया जाना चाहिए तथा इससे कम उम्र के बच्चों को मोबाइल इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए। छोटी-छोटी आदतों में बदलाव कर इंटरनेट एडिक्शन से बच सकते हैं। अपनी दिनचर्या में ज्यादा फिजिकल गतिविधियों को जोड़ना चाहिए। ऐसी आदत बनानी होगी कि 3 घंटे से ज्यादा फोन का इस्तेमाल न कर सकें। खाना खाते समय फोन का इस्तेमाल न हो। अपने सोने वाले कमरे व पढ़ाई वाले कमरे में मोबाइल का इस्तेमाल न हो।

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