विधानसभा चुनाव 2021:तमिलनाडु में दोनों प्रमुख दलों ने टिकट दावेदारों की अर्जी से कमाए 30 करोड़तमिलनाडु की दोनों प्रमुख पार्टियों ने चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों से आवेदन के रूप में ही 30 करोड़ जमा कर दिए हैं। उत्तर भारत की तरह सीट बंटवारे में परिवारवाद के आरोप तो यहां भी लगते रहे हैं। पर यहां दोनों ही प्रमुख पार्टियों में,चाहे कोई कितने ही बड़े पद पर क्यों ना हो,आवेदन देना पड़ता है और इंटरव्यू भी। अन्नाद्रमुक में जहां एक सीट से आवेदन के 15 हजार लग रहे हैं, वही द्रमुक से दावेदारों को 25 हजार तक देना पड़ रहे हैं।
डीएमके में सामान्य सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को 25 हजार, आरक्षित और महिलाओं को आवेदन के साथ 15 हजार का चेक देना पड़ रहा है। अन्नाद्रमुक में सभी के लिए यह 15 हजार है। डीएमके को अब तक लगभग 6,500 आवेदनों से लगभग 15 करोड़ मिले हैं।
वही अन्नाद्रमुक को करीब 8400 आवेदनों से पार्टी फंड में इतनी ही आय हुई है। वेल्लूर से डीएमके सांसद कथीर आनंद बताते हैं कि स्क्रीनिंग कमेटी में स्टालिन, दुरई मुरूगन, कनिमोझी, ए राजा, टी आर बालू जैसे लोग हैं। हाल ही में पार्टी कार्यालय में चल रहे इंटरव्यू में जब स्टालिन की बारी आई तो वह खुद भी चयन समिति की सीट से उठकर सामने उम्मीदवार की की कुर्सी पर बैठ गए।
एआईएडीएमके- वी रामचंद्रन एमजीआर के पोते ने 3 सीट से आवेदन किया, 45 हजार भरे
अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजी रामचंद्रन तीन बार सीएम रहे हैं। इन्हीं के पोते वी रामचंद्रन ने 3 सीटों से दावेदारी का आवेदन दिया है। उन्होंने भास्कर को बताया कि इंटरव्यू अच्छा रहा है। टिकट मिलने का भरोसा है, पर पक्का दावा नहीं कर सकता। पार्टी में चुनाव लड़ना है छोटे से कार्यकर्ता से लेकर खुद सीएम के लिए भी यही प्रक्रिया है। कई उदाहरण हैं जब निचले कार्यकर्ता को भी टिकट मिला।
डीएमके -दुरई मुरूगन 50 सालों में पहली बार इस सीट पर किसी अन्य ने ठोका दावा
करुणानिधि के करीबी दुरई मुरूगन डीएमके के महासचिव हैं। 82 वर्षीय मुरूगन पहली बार 1971 में वेल्लूर जिले की काटपाडी क्षेत्र से विधायक बने थे। तब मौजूदा स्क्रीनिंग कमेटी के एक सदस्य स्टालिन 18 साल के थे। वहीं कनिमोझी तो 3 साल की थीं। 9 बार विधायक दुरई के सामने आज तक पार्टी के किसी दूसरे कार्यकर्ता ने दावेदारी तक नहीं की। इस बार पहली दफा उनके खिलाफ एक दावेदार का आवेदन आया।