मौसम की मार:टिकरी बाॅर्डर पर देर रात तेज तूफान और 20 मिनट की बरसात से उड़ा टेंट, भरा पानीकिसानों ने इसके लिए वैकल्पिक प्रबंध कर लिए थे
हालांकि तेज तूफान के बीच किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा
टिकरी बाॅर्डर पर मंगलवार रात करीब नौ बजे अचानक मौसम का मिजाज बदल जाने से तेज तूफान आया व करीब 20 मिनट बरसात हुई। मौसम के बारे में किसानों को दिन में मंच पर सूचना दी गई थी। किसानों ने इसके लिए वैकल्पिक प्रबंध कर लिए थे। हालांकि तेज तूफान के बीच किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। तेज हवाओं के दूर ढांप कर खड़ी की गई ट्रॉलियों के भी तिरपाल उड़ गए।
इससे पहले 6 जनवरी को तेज बरसात ने किसानों को परेशान किया था।उस समय खालसा एड ने सभी किसानों को टेंट व ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के लिए करीब 10 हजार तिरपाल की व्यवस्था की थी। मंगलवार को ये व्यवस्था काम आई। हालांकि आंधी-तूफान से टिकरी बाॅर्डर पर देर रात तक बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। रात नौ बजे के लगभग चली तेज हवा के साथ ही बिजली सप्लाई बंद हो गई थी। रात करीब 10 बजे बारिश के बाद रात 12 बजे तक भी वहां पर बिजली की सप्लाई नहीं हो पाई थी।
बिजली गुल होने से अंधेरे में किसानों का पड़ावबाईपास व आसौदा के पास किसानों ने टेंट लगा रखे हैं। सड़क पर बरसात के दौरान पानी निकासी का स्तर किसानों की झोपड़ी की तरफ बन गया था। पर वहां भी सड़क के दोनों तरफ खाई होने से झोपड़ियों में पानी तो जमा नहीं हुआ पर अंधेरा होने के चलते किसान अपनी ट्राॅलियों में दुबके रहे।
सुबह भी मौसम ने ली किसानों की परीक्षा
मंगलवार सुबह तड़के हल्की बूंदाबांदी हुई। किसानों को मामूली परेशानी हुई। इसके बाद सभी ने तेज बरसात की संभावना के चलते प्रबंध शुरू कर दिए थे, लेकिन तेज तूफान के कारण इनके प्रबंध नाकाफी साबित हुए। बाईपास पर 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने किसानों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। नए बस अड्डे पर ठहरे किसानों को बस अड्डे के भवन में पहुंचकर बरसात के रुकने का इंतजार करना पड़ा।
आंदोलन में हिस्सा लेने गए जींद के 54 वर्षीय किसान की मौत
टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन में शामिल जींद जिले के गांव डिंडोली 60 वर्षीय राधा सिंह की मंगलवार की अल सुबह तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। डिंडोली निवासी राधा सिंह आंदोलन में शामिल था। वह कई बार टिकरी बाॅर्डर आंदोलन में शामिल रहा और बीच में अपने गांव भी गया। फिलहाल वह 5 मार्च से किसानों के साथ फिर से जत्थे में ही शामिल था और बहादुरगढ़ बाइपास पर नजफगढ़ फ्लाईओवर के पास किसानों के साथ ठहरा हुआ था। सोमवार की रात को वह खाना खाकर सो गया। मंगलवार की सुबह जब करीब 6 बजे किसानों ने उसे चाय देने के लिए उठाया नहीं उठा। अस्पताल में डाॅक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
नई कमेटी बनने की अफवाह पर मोर्चे ने कहा- हमने कोई कमेटी नहीं बनाई
कुंडली बॉर्डर | तीनों कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन चल रहा है। मंगलवार को कुंडली बॉर्डर और संयुक्त मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक हुई। इसी बैठक में एक सूचना फैल गई कि मोर्चे ने 9 सदस्यों की छोटी कमेटी बनाई है और आगे से यही सरकार से बात करेगी, लेकिन जैसे ही मोर्चे को इस बात की जानकारी मिली तो मोर्चे के सदस्य दर्शनपाल ने स्पष्ट किया कि इस तरह की कोई कमेटी नहीं बनी है। उन्होंने इसे अफवाह करार दिया और कहा कि मोर्चा पहले जैसे काम कर रहा था आगे भी वैसे ही करता रहेगा। उन्होंने बताया कि मोर्चे की कोर कमेटी में 7 सदस्य थे और पिछले दो माह से दो सदस्य आमंत्रित थे, जिससे कुल संख्या 9 हो गई थी, लेकिन सरकार से बात करने के लिए कोई अलग से 9 सदस्यों की कमेटी नहीं बनाई गई है।