मौसम का बदला मिजाज:दो महीने के बाद बरसे मेघ, पारा गिरने से लोगों को गर्मी से मिली राहत; मगर किसानों की बढ़ी चिंतादोपहर बाद बादल घने होते गए और शाम को करीब 4 बजे तेज गरज व चमक के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई
बारिश से गेहूं को फायदा तो सरसों में नुकसान की संभावना
पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से मंगलवार को मौसम ने अचानक करवट ली और शाम को शहर तथा आसपास के क्षेत्र में गरज व चमक के साथ हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिन भी मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना जताई है। दो माह पूर्व पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते 3 से 6 जनवरी के बीच जिले सहित प्रदेश भर में अच्छी बारिश हुई थी। इसके चलते जनवरी में ठंड बरकरार रही, लेकिन उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ तो कई आए पर हिमालय के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से गुजर जाने के कारण बारिश नहीं हो पाई। इसके चलते फरवरी माह काफी गर्म रहा और अंतिम सप्ताह में तो दिन का तापमान 34.5 तथा रात का 18 डिग्री को क्रॉस कर गया था।
मार्च माह का प्रथम सप्ताह भी अन्य वर्षों की तुलना मेंं गर्म ही रहा। मौसम विभाग के अनुसार मार्च माह के प्रथम सप्ताह में भी दिन का तापमान सामान्य से 2 से 5 डिग्री अधिक रहा। जिसका मुख्य कारण पिछले काफी दिनों से कोई भी पश्चिमी विक्षोभ राज्य में सक्रिय रूप से प्रभावी नहीं रहा। 7 मार्च को भी पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य में कुछ एक स्थानों पर ही छिटपुट बूंदाबांदी व तेज हवाएं चली। इसके साथ दूसरा पश्चिमी विक्षोभ सोमवार रात से सक्रिय हो गया। इसके आंशिक प्रभाव से बादल निकल आए और सोमवार रात से मंगलवार दोपहर तक इनका आवागमन लगा रहा। दोपहर बाद बादल घने होते गए और शाम को करीब 4 बजे तेज गरज व चमक के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई। जो बाद में हलकी बारिश में बदल गई।
मौसम विभाग का कहना है कि मार्च के दूसरे सप्ताह 8 से 14 मार्च तक लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ का आंशिक प्रभाव देखने को मिलने की संभावना है। चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग अध्यक्ष डॉ. एमएल खीचड़ का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभों के आंशिक प्रभाव से राज्य में मौसम आमतौर पर 14 मार्च तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान बीच बीच में आंशिक बादल, हवाएं चलने की संभावना है। 10 मार्च को पश्चिमी हरियाणा के कुछ एक क्षेत्रों में तथा 13-14 मार्च को उत्तरी हरियाणा के कुछ एक क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ कहीं कहीं बूंदाबांदी या हल्की बारिश भी संभावित है।
बारिश से गेहूं को फायदा तो सरसों में नुकसान की संभावना
क्षेत्र में मंगलवार को मौसम ने करवट बदली। दोपहर तक आसमान में हल्के बादल तथा दोपहर बाद पूरे आसमान को गहरी काली घटाओं ने घेर लिया और मौसम सुहावना बना रहा। शाम को हल्की बूंदाबांदी भी हुई। मौसम की नजाकत को देखकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी। क्षेत्र में सरसों की फसल पूरी तरह से पक गई है तथा कुछ स्थानों पर इसकी कटाई भी शुरू हो चुकी है। बारिश से जहां गेहूं की फसल को फायदा होगा वही सरसों में नुकसान की संभावना बन सकती है। मौसम विशेषज्ञ डॉ देवेश चौधरी ने बताया कि मंगलवार को क्षेत्र का अधिकतम तापमान जहां 34.4 डिग्री सेल्सियस जो सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक तथा न्यूनतम तापमान 17.0 डिग्री जो सामान्य 6 डिग्री अधिक रहा। वही मौसम में अधिकतम आद्रता 87 प्रतिशत व न्यूनतम आद्रता 54 प्रतिशत रही। मौसम विभाग के अनुसार 14 मार्च तक मौसम परिवर्तनशील संभावित है। पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण अगले 72 घंटों के दौरान कही-कही गरज चमक, हल्की बारिश, बूंदाबांदी के साथ हल्की हवाएं चलने की सम्भावना है, परन्तु उसके बाद मौसम शुष्क संभावित है।
अटेली मंडी में भी रात को हुई तेज बारिश
मौसम का मिजाज मंगलवार दोपहर बाद अचानक बदल गया और गरज के साथ रिमझीम बारिश होने लगी। रात होते-होते बरसात तेज हो गई। इस बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इस समय सरसों, गेहूं, जो, चना सहित रबी की फसल पककर तैयार हो गई है। अगेती फसल की कटाई भी शुरू हो गई है। किसानों का कहना है कि हल्की बारिश तो हो जाये, लेकिन ज्यादा बारिश व ओले गिरने से नुकसान होने की ज्यादा संभावना ही रहती है। आसमान में जैसे गर्जना व तेज बारिश का आभास होने से किसानों के चेहरों पर साफ तरीके से चिंता देखी गई। अटेली क्षेत्र में मंगलवार शाम साढे 4 बजे के बाद बारिश होने से मौसम में ठंडक हो गई। इससे पिछले तीन-चार रोज से बढ़ रही गर्मी से कुछ राहत मिली। कृषि विकास अधिकारी डॉ. हिमांशु मान ने बताया कि इस समय सरसों करीब-करीब पककर तैयार हो गई है। अगर तेज हवा के साथ बारिश हो जाती है तो फसलों का नुकसान हो सकता है। हल्की बारिश फसलों को नुकसान नहीं करेगी।