सांसद मोहन डेलकर सुसाइड केस:महाराष्ट्र के गृहमंत्री बोले- डेलकर को दादरा और नगर हवेली में इंसाफ नहीं मिलता, इसलिए उन्होंने मुंबई में खुदकुशी कीमहाराष्ट्र सरकार ने मोहन डेलकर की मौत की जांच SIT को सौंपी, गृह मंत्री ने विधानसभा में किया ऐलान
दादरा और नगर हवेली से सात बार के सांसद मोहन डेलकर सुसाइड मामले में नया मोड़ आ गया है। डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, डिप्टी सीएम अजीत पवार और गृह मंत्री अनिल देशमुख से मिलकर मामले की जांच की मांग की। देशमुख ने सांसद के मौत की जांच विशेष जांच टीम (SIT) से करने की घोषणा भी कर दी।
इस बीच गृह मंत्री देशमुख ने कहा है कि अगर सांसद डेलकर ने अपने संसदीय क्षेत्र दादरा और नगर हवेली में जान दी होती तो उनको कभी भी न्याय नहीं मिलता, इसलिए उन्होंने मुंबई में सुसाइड किया। देशमुख ने कहा कि डेलकर ने अपने सुसाइड नोट में कहा था कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और वह प्रफुल्ल पटेल के दबाव में हैं, जो दादरा एवं नगर हवेली के प्रशासक हैं। देशमुख ने कहा कि डेलकर के सुसाइड नोट में यह जिक्र किया गया है कि उन्हें पटेल से यह धमकी मिल रही थी कि उनका सामाजिक जीवन खत्म हो जाएगा। देशमुख बताया कि डेलकर की पत्नी और बेटे ने भी मुझे पत्र लिख कर यह चिंता प्रकट की है।
बेटे का आरोप- दादरा एवं नगर हवेली के प्रशासक कर रहे थे प्रताड़ित
सांसद डेलकर का शव 22 फरवरी को मुंबई के एक होटल में पाया गया था। पुलिस को होटल के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था। डेलकर के बेटे ने मंगलवार को पिता के सुसाइड के पीछे दादरा और नगर हवेली के प्रशासक प्रफुल्ल खेडा पटेल को जिम्मेदार बताया है।अभिनव ने कहा कि पटेल ने मेरे पिता को अपमानित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी। ब्लैकमेल और उगाही की तरकीब का भी इस्तेमाल हुआ। अभिनव ने कहा कि उनके पिता को पिछले 16-18 महीने से प्रताड़ित किया जा रहा था। अभिनव की मां कलाबेन ने कहा कि उन्हें मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस में भरोसा है कि उनके परिवार को न्याय मिलेगा।
कौन हैं प्रफुल पटेल?
सांसद के सुसइड मामले में दादरा नगर हवेली और दीव-दमन के प्रशासक प्रफुल पटेल का नाम लगातार सामने आ रहा है। पटेल भाजपा के पूर्व विधायक रहे हैं। वे गुजरात में विधायक रहने के साथ-साथ नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री काल में गुजरात के गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं।होटल से मिला था डेलकर का सुसाइड नोट
डेलकर का शव मरीन ड्राइव पर होटल सी ग्रीन में मिला था। पुलिस को उस कमरे से गुजराती में लिखा एक सुसाइड नोट भी मिला था। डेलकर की उम्र 58 साल थी। 2019 में वे केंद्र शासित दादरा और नगर हवेली से बतौर निर्दलीय सांसद चुने गए। 1989 में अब तक वे भाजपा, कांग्रेस, भारतीय नवशक्ति पार्टी के उम्मीदवार और निर्दलीय के तौर पर 7 बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके थे। उन्होंने 1989 से 2004 तक लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। डेलकर के परिवार में पत्नी कलाबेन डेलकर, दो बच्चे अभिनव और दिविता हैं।1998 में भाजपा से सांसद बने
डेलकर ने 1998 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। कुछ समय बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी और 1999 में निर्दलीय और 2004 में भारतीय नवशक्ति पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीते। इसके बाद 4 फरवरी 2009 को दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए और 10 साल बाद यानी 2019 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद फिर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा सदस्य बने। इसके बाद अक्टूबर 2020 में डेलकर JDU में शामिल हो गए थे।
गृह मंत्रालय की कमेटी में मिली थी जगह
डेलकर को गृह मंत्रालय की परामर्श कमेटी में नियुक्त किया गया था। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 28 सांसदों को जगह दी गई थी। 17वीं लोकसभा के 15 वरिष्ठ सांसदों की सूची में रामविलास पासवान के बाद उनका नाम दूसरे नंबर पर था।