भगवद गीता के 11 खंडों का विमोचन:मोदी बोले- गीता ने देश को एकता के सूत्र में बांधा, आजादी की लड़ाई को भी इससे ऊर्जा मिली, इस पर रिसर्च होनी चाहिएप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम PM आवास में भगवद गीता के 11 खंडों का विमोचन किया। इन खंडों में गीता के श्लोकों की पांडुलिपी पर 21 बुद्धिजीवियों ने व्याख्या की है। कार्यक्रम में PM मोदी ने कहा- गीता ने आजादी की लड़ाई को ऊर्जा दी। इससे देश एकता और आध्यात्मिक के सूत्र में बंधा। इस पर शोध किया जाना चाहिए। आज जब देश आजादी के 75 साल मनाने जा रहा है, तो हमें गीता के इस रूप को देश के सामने रखने की कोशिश करनी चाहिए।
PM मोदी ने कहा कि भारत को एकता के सूत्र में बांधने वाले आदि शंकराचार्य ने गीता को आध्यात्मिक चेतना के रूप में देखा। रामानुजाचार्य ने गीता को आध्यात्मिक ज्ञान की अभिव्यक्ति के रूप में देखा। गीता ने महाभारत से लेकर आजादी की लड़ाई तक हर कालखंड में राष्ट्र का पथप्रदर्शन किया है। विमोचन कार्यक्रम में जम्मू और कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा और पूर्व सांसद डॉ. कर्ण सिंह भी मौजूद रहे। जिन 11 खंडों का विमोचन किया गया है, उसका प्रकाशन धर्माथ ट्रस्ट ने किया है। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष कर्ण सिंह ही हैं।
विपक्ष पर निशाना, बोले- कुछ लोग सिर्फ सवाल उठाना जानते हैं
PM मोदी ने कार्यक्रम में कहा- कुछ लोग हमेशा भारत की छवि और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करने की कोशिश में लगे रहते हैं। ऐसा करने के पीछे उनका राजनीतिक लाभ छिपा होता है। उन्होंने कहा की भारतीय जनतंत्र में सभी को कुछ भी करने और बोलने की आजादी है। यहां सभी को समान अधिकार मिले हुए हैं।
नाम लिए बिना विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए हमारी सेना को भी निशाना बनाने से नहीं चूकते। उनके ऐसा करने से देश की छवि धूमिल होती है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच भारत ने कई देशों की मदद की। किसी को वैक्सीन दीं तो किसी को दवाईयों की पूर्ति की। ये करने का जज्बा हमें गीता से ही मिलता है। गीता हमें मानवता की सेवा करना सिखाती है।