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कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज,

बंगाल में कोयला घोटाला:कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, राज्य की सहमति के बिना CBI को जांच सौंपी थीसुप्रीम कोर्ट आज कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। इस आदेश में राज्य की सहमति के बिना CBI को पश्चिम बंगाल में कोयले के कथित अवैध खनन और कोयला परिवहन घोटाले के एक मामले में जांच की अनुमति दी थी। इस मामले में 1 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर एक हफ्ते के भीतर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।

जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए थे। साथ ही मुख्य आरोपी अनूप माजी की तरफ से दायर अपील के मामले को 10 मार्च तक सुनवाई के लिए टालने को कहा था।

इस अवैध कोयला खनन मामले में CBI ने पहले ही राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की थी। माजी की अपील पर राज्य की सरकार ने एक हलफनामा दायर किया है। इसमें कहा गया था कि CBI को इस मामले में जांच करने का आदेश नहीं है। क्योंकि राज्य ने CBI को अपनी जांच आगे बढ़ाने को लेकर सहमति नहीं दी थी। फिलहाल इस मामले में CBI जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट ने किसी तरह की रोक नहीं लगाई है।

क्या है मामला?
मामला झारखंड के धनबाद से सटे बंगाल के इलाकों का है। यह मामला ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से सैकड़ों रुपए का अवैध कोयला खनन करने और उसे झारखंड, बिहार और यूपी में बेचने से जुड़ा है। जहां अवैध खनन हुआ है, उनमें रेलवे की जमीनें भी हैं। इस पूरे मामले में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अलावा रेलवे और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के आधिकारियों की मिलीभगत का आरोप है।

मामला कई राज्यों और केंद्र के अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका से जुड़ा होने की वजह से CBI ने पिछले साल नवंबर में FIR दर्ज कर ली थी। इसमें CBI ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा से भी पूछताछ की थी।

सितंबर में जांच शुरू हुई, कोर्ट ने CBI को मंजूरी दी
पिछले साल सितंबर में कोयला घोटाले की जांच शुरू हुई। तब से BJP इसके लिए TMC पर लगातार आरोप लगा रही है। BJP नेताओं का कहना है कि कोयला घोटाले से मिली ब्लैकमनी को TMC के नेताओं ने शेल कंपनियों के जरिए व्हाइट मनी में बदला। इसमें सबसे ज्यादा फायदा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को हुआ है।

अभिषेक बनर्जी TMC की युवा विंग के अध्यक्ष हैं। उन्होंने अपनी पार्टी में विनय मिश्रा समेत 15 युवाओं को महासचिव बनाया था। विनय मिश्रा शुरू से ही कोयला घोटाले के आरोपी हैं। TMC ने CBI जांच पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया था।

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