अर्थव्यवस्था में रिकवरी:अगले 5 साल में PLI स्कीम से सरकार को हो सकती है 40 लाख करोड़ रुपए की एक्स्ट्रा कमाईप्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) से 14 सेक्टर्स में डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। क्रिसिल के एनालिसिस रिपोर्ट के अनुसार इस स्कीम से अगले 5 साल में सरकार को 35-40 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई हो सकती है। ये स्कीम लोकल मैन्युफैक्चरिंग में लगी कंपनियों को 1.8 लाख करोड़ रुपए के इंसेंटिव्स या सब्सिडी देगी। सरकार ने इस स्कीम का ऐलान चीन को टक्कर देने के लिए उस वक्त किया था जब कोरोना के कारण सबसे तेजी से बढ़ रहा था।
मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने वाली कंपनियों को मिलेंगे 2.7 लाख करोड़
रिपोर्ट के अनुसार अगले 24 से 30 महीनों में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने वाली कंपनियों को 2-2.7 लाख करोड़ रुपए की कामकाजी पूंजी का फायदा मिल सकती है। मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम के उपकरण और IT हार्डवेयर जैसे सेगमेंट जहां भारत का मैन्युफैक्चरिंग बेस बहुत लो है, अगर कोई कंपनी इस सेगमेंट में प्रोडक्शन शुरू करती है तो वहां कामकाजी पूंजी का 3.5 गुना हो सकता है।
क्रिसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव आशु सुयश ने कहा कि PLI स्कीम 2021-22 में इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट में कामकाजी पूंजी के 45-50% तक बढ़ने की संभावना है। 2020-21 में लॉकडाउन के कारण कामकाजी पूंजी में 35% की गिरावट आई है।
इससे बैंकों को होगा फायदा
इससे बैंकिंग सेक्टर को भी फायदा होगा। बैंकिंग सेक्टर की क्रेडिट डिमांड 400-500 बेसिस प्वाइंट बढ़ जाएगी। 2020-21 की पहली छमाही में क्रेडिट ग्रोथ की वृद्धि दर 0.8% थी, यह तीसरी तिमाही में 3% हो गई। चौथी तिमाही में भी इसमें इतनी ही बढ़ोतरी की उम्मीद है। कुल मिलाकर इस साल अब तक क्रेडिट ग्रोथ 5% से कम है।
बैंक क्रेडिट ग्रोथ का मतलब बैंकों द्वारा कंपनियों, बिजनेसमैन या आम लोगों को दिए जाने वाले उधार से है। यानी लोन में ग्रोथ क्रेडिट तब बढ़ता है जब इंडस्ट्रियल रिफॉर्म होते हैं। लोग बैंक से जितना कर्ज लेते हैं बैंक क्रेडिट ग्रोथ उतनी ही ज्यादा बढ़ती है।
क्या है PLI स्कीम?
इस योजना के अनुसार, केंद्र अतिरिक्त उत्पादन पर प्रोत्साहन देगा और कंपनियों को भारत में बने उत्पादों को निर्यात करने की अनुमति देगा। PLI स्कीम का लक्ष्य प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।