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दस साल की बच्ची से रेप:कुकर्म के दर्द से रोती रही बच्ची; पुलिस ने तीन दिन तक मेडिकल तक नहीं कराया

पांडेसरा में दस साल की बच्ची से रेप:कुकर्म के दर्द से रोती रही बच्ची; पुलिस ने तीन दिन तक मेडिकल तक नहीं कराया, खुद ही छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखीपांडेसरा में 26 मार्च को 10 साल की बच्ची से हुए कुकर्म के मामले में पुलिस की कार्रवाई संदेह के घेरे में आ गई है। पुलिस ने न तो बच्ची का मेडिकल टेस्ट कराया, न ही केस दर्ज किया। बच्ची की मां का आरोप है कि पुलिस ने जो FIR लिखी उस पर उससे सिर्फ हस्ताक्षर कराए, ये नहीं बताया कि उसमें कुकर्म लिखा है या छेड़छाड़। पुलिस का कहना है कि हमने कोई लापरवाही नहीं बरती, जो कार्रवाई करनी चाहिए थी वो की है। पुलिस आयुक्त अजय तोमर के मुताबिक, ऐसी कोई महिला पुलिस के पास आवेदन लेकर नहीं आई। इस केस की रिपोर्ट मैंने देखी है। मुझे लगता पुलिस से कोई लापरवाही नहीं हुई है।

समझौते का दबाव बनाया जा रहा
बच्ची का मां का कहना है कि आरोपी की मां उसके घर पर आई थी और कहा था कि मेरे बेटे से गलती हो गई है। चाहे कुछ भी हो जाए, उसका कुछ नहीं हो पाएगा। 25 हजार रुपए देती हूं समझौता कर लो। बच्ची की मां ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने तीन घंटे तक थाने में बैठाए रखा था। बच्ची का पिता साड़ी का काम करता है।

आरोप: आरोपी भाजपा पार्षद का रिश्तेदार, इसलिए बचा रही पुलिस
बच्ची की मां ने बताया कि हमने निजी तौर पर बच्ची का 1 मार्च को मेडिकल करवाया था, जिसमें उसके गुप्त भाग में सूजन और चोट के निशान मिले। 3 मार्च को मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने केस में कुकर्म की धारा 377 जोड़ी थी। पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने बहुत ढिलाई बरती। बच्ची के परिजनों का आरोप है कि आरोपी सूरज पांडे मनपा पार्षद का रिश्तेदार है। इसी कारण से पुलिस उसे बचा रही है।

बच्ची को बचाने वाली महिला के मुंह पर मुक्का मार भाग गया था
पड़ोस की जिस 50 वर्षीय महिला ने बच्ची को आरोपी से बचाया था उसने बताया- घटना के दिन मैं छत पर कपड़े फैला रही थी। तब बच्ची को वहां पर देखा था। वहां वह लड़का भी आया था। कुछ देर बाद बच्ची छत से नीचे भाग गई। मैंने इस बारे में अपने बेटे को बताया। घर से बर्तन गिरने की आवाज आई। हमने दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। दरवाजे के नीचे के हिस्से से झांककर देखा तो आरोपी बच्ची से गलत काम कर रहा था। दरवाजा पीटने पर आरोपी निकला और मेरे मुंह पर मुक्का मारकर भाग गया।

भैया ने मेरे मुंह में कपड़ा ठूंस दिया, फिर गंदी-गंदी हरकतें करने लगे
जब से यह घटना हुई है बच्ची ने खाना छोड़ दिया है। वह बहुत डरी हुई है कि कहीं आरोपी आकर उसका गला न दबा दे। उसके दो छोटे भाइयों को भी घर से बाहर नहीं खेलने नहीं जाने दिया जा रहा। मां ने काम पर जाना छोड़ दिया है। बच्ची ने बताया की वह बगल की बिल्डिंग में नीचे खेल रही थी। तब भैया आए और चॉकलेट और पैसे देने लगे। मुझे छत पर ले गए। मैं डरकर घर में भाग आई। भैया आए और मेरे मुंह के अंदर तक कपडा भर दिया था और गंदी-गंदी हरकतें करने लगे।

मां को बच्ची से मिलने नहीं दिया, सीधे थाने उठा ले गई पुलिस
बच्ची की मां ने पुलिस को बताया था कि आरोपी ने कुकर्म किया है। पुलिस का कहना था कि बच्ची को कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने उसका मेडिकल भी नहीं करवाया था। लेकिन दर्द असहनीय था तो बच्ची की मां ने घर के पास के क्लिनिक से ही दवा ले ली थी। बच्ची की मां ने बताया कि 26 फरवरी को दोपहर 1 बजे जब वह अपनी ड्रॉइंग-प्रिंटिंग कंपनी में काम कर रही थी, तब पड़ोसी का फोन आया। उसने बताया कि बच्ची की तबीयत खराबी है। मां कंपनी से दाैड़ते हुए घर पहुंची तो पुलिस ने उसे बच्ची से मिलने भी नहीं दिया। सीधे पुलिस स्टेशन लेकर चली गई।

डाक्टर: पुलिस केस था, मैंने जांच नहीं की, बस पेन किलर दे दी थी
बच्ची के घर पास स्थित क्लिनिक के डॉक्टर ने बताया- दो दिन पहले मां बच्ची को उसके पास आई थी। उसने बताया कि बच्चे गुप्त भाग में दर्द हो रहा है। मैंने मुझे यह पुलिस केस लगा, इसलिए उसकी जांच नहीं की, बस पेनकिलर दे दी। बच्ची को दर्द ज्यादा था इसलिए मैंने दवा दी और उसकी रसीद भी नहीं बनाई। बच्ची की मां ने कहा था कि मामला दर्ज है, इसलिए मैंने दवा दे दी थी।

सीधी बात; अल्पेश चौधरी, इंस्पेक्टर, पांडेसरा थाना

बच्ची का मेडिकल क्यों नहीं करवाया?
-अगर मेडिकल नहीं करवाते तो एडमिट कैसे होती। डॉक्टर ने सर्टिफिकेट दिया तब जाकर तो कार्रवाई हुई है।

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