गुजरात में जेंडर चेंज का ट्रेंड:20 पुरुष सर्जरी कराकर महिला बनने के इच्छुक, 15 दिन में हुए 6 ऑपरेशन; अहमदाबाद में ऐसी सर्जरी का आंकड़ा 1000 पहुंचापहचान छुपाने की जगह अब मुखर हो रहे लोग, समाज का नजरिया भी धीरे-धीरे बदल रहा है
दोहरे व्यक्तित्व के दंश के साथ जी रहे लोग अब जेंडर चेंज सर्जरी कराकर अपनी मूल पहचान उजागर करने के लिए मुखर हो रहे हैं। गुजरात में ऐसे 20 लोग सामने आए हैं, जो सर्जरी के विविध स्तर पर पहुंच चुके हैं। इनमें डॉक्टर-बिजनेसमैन भी शामिल हैं। अच्छी बात ये है कि इनकी मुखरता को लेकर समाज भी धीरे-धीरे सहज हो रहा है। लोगों की ये उदारता ऐसे लोगों को नए जीवन का उपहार दे रही है।
जेंडर चेंज सर्जरी करवाने वाले कई लोग अपनी नई पहचान छुपाने की खातिर गांव-मोहल्ले में पूर्व की भांति ही रहते हैं। प्लास्टिक सर्जन डॉ. हर्ष अमीन ने बताया कि ‘2020-21 में सिर्फ अहमदाबाद में ही ऐसी सर्जरी का आंकड़ा 1000 पहुंच गया है। सालभर में 50-60 मरीजों ने पूछताछ की, जिसमें से 14 पुरुषों की सर्जरी मैं कर चुका हूं। मेरी तरह अहमदाबाद में 80 से अधिक प्लास्टिक सर्जन हैं।’ वे बीते सप्ताह में तीन पुरुषों की सर्जरी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह कॉस्मेटिक सर्जरी कृत्रिम होती है।
अहमदाबाद के सीनियर प्लास्टिक सर्जन डॉ. श्रीकांत लागवणकर ने बताया कि कॉर्पोरेट हॉस्पीटल में इस तरह की सर्जरी के लिए आठ लाख रुपए तक का खर्च हो सकता है। ज्यादातर लोग पहचान उजागर होने से बचाने के लिए विदेश में ऐसी सर्जरी कराने जाते थे, लेकिन अब ट्रेंड बदल रहा है। लोग खुल रहे हैं। बीते 15 दिनों में ही ऐसे 6 लोगों की सर्जरी हो चुकी है।
26 साल लड़का था, असली पहचान अब मिली
फरवरी में ही सर्जरी कराने वाली अध्यासा दालवी का कहना है कि नौकरी की जगह हमें भेदभाव ही नहीं, शोषण तक झेलना पड़ता है। इसलिए हम समाज का नजरिया बदलने की कोशिश करेंगे। देवांशी बजाज हाल ही में जेंडर चेंज करवा कर महिला बनीं हैं। वे कहती हैं कि मुझे पता है कि कभी मातृत्व सुख प्राप्त नहीं कर सकती लेकिन मुझे घर बसाना है। बच्चों को गोद लेकर उन्हें मां का प्रेम दूंगी। मैंने 26 साल पुरूष जीवन बिताया है लेकिन अब मुझे अपनी मूल पहचान मिली है।