अवॉर्ड्स पर बोले बॉबी:बॉबी देओल बोले, ‘मैं अवॉर्ड्स को तवज्जो नहीं देता, ‘पिता धर्मेंद्र को भी तो करियर में कभी बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड नहीं मिला’2020 बॉबी देओल के लिए बेहतरीन साबित हुआ। क्लास ऑफ़ 83 और आश्रम जैसे ओटीटी प्रोजेक्ट्स ने बॉबी का फिल्मी करियर एक बार फिर संवार दिया। बॉबी को ना सिर्फ दर्शकों का प्यार मिला बल्कि उन्हें दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड से भी नवाजा गया। बॉबी अवॉर्ड मिलने से खुश तो हैं लेकिन उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि अवॉर्ड मिलना उतना जरुरी नहीं है।पिता को नहीं मिले अवॉर्ड
बॉबी ने अपने पिता धर्मेंद्र के करियर का उदाहरण देते हुए कहा, ‘मेरे पिता जो लीजेंड हैं, उन्हें अपनी लाइफ में सिंगल बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड नहीं मिला।मैं ऐसा देखकर बड़ा हुआ हूं। मुझे नहीं लगता उन्हें इसकी जरूरत है। उन्हें लोगों का इतना प्यार मिला, मेरे ख्याल से यही उनका अवॉर्ड है।अगर इसपर अवॉर्ड मिले तो फैन्स को खुशी होती है।’अपने आपको अवॉर्ड मिलने पर बॉबी ने कहा, ‘एक्टर के तौर पर मैं अपनी प्रतिभा को और निखारना चाहता हूं ताकि अपना बेस्ट दे पाऊं। मैं फैन्स का धन्यवाद कहना चाहूंगा जिनके कारण ये संभव हो सका। बॉबी ने कहा, ‘अब लोग मुझे एक्टर के तौर पर पहले से अलग तरीके से देखते हैं’।
बॉबी ने ‘बरसात’ से किया था बॉलीवुड में डेब्यू
बॉबी ने 1995 में रिलीज हुई फिल्म ‘बरसात’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। हालांकि उनकी यह फिल्म कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। इसके बाद बॉबी ने अपने करियर के शुरुआती दशक में ‘गुप्त’, ‘सोल्जर’, ‘बादल’ और ‘बिच्छू’ जैसी कई हिट फिल्में भी दी थीं। इन फिल्मों के बाद बॉबी की कई फिल्में रिलीज हुई थीं, लेकिन वे सभी फिल्में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थीं। जिसके बाद बॉबी के करियर ग्राफ में गिरावट आ गई थी। उन्हें फिल्मों के ऑफर्स मिलना भी कम हो गया था।