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कोई कमजोर नहीं होता, लक्ष्य की ओर एक कदम बढ़ाते हुए मेहनत करें ताे कामयाबी जरूर मिलती है

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस:कोई कमजोर नहीं होता, लक्ष्य की ओर एक कदम बढ़ाते हुए मेहनत करें ताे कामयाबी जरूर मिलती है- सेशन जजपलहेड़ी की बेटी बबीता त्यागी यूपी में सेशन जज, अभी लखनऊ में सतर्कता आयोग एवं प्रशासनाधिकरण की अध्यक्ष है
जज बबीता ने फरीदपुर के सरकारी स्कूल से 10वीं पास की
पलहेड़ी गांव की बेटी और हथवाला गांव की बहू बबीता त्यागी यूपी में सेशन जज हैं। वर्तमान में वे लखनऊ में सतर्कता आयोग एवं प्रशासनाधिकरण की अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता तिलकराम किसान हैं। पति मनोज त्यागी पानीपत कोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं। जज बबीता ने फरीदपुर के सरकारी स्कूल से 10वीं पास की। वह गांव से पैदल ही स्कूल जाती थी।

वे कट्टे से बने थैले में किताबें-कॉपी लेकर स्कूल जाती थी, लेकिन जिंदगी में कुछ करने का ऐसा जनून था कि ये कभी उनकी राह में रोड़े नहीं बने। मॉडल संस्कृति स्कूल से 12वीं की। फिर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एलएलबी की गोल्ड मेडलिस्ट रही। बुराड़ी में मामा के घर रहकर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में प्रेक्टिस की। 2000 में शादी होने के बाद पति के साथ पानीपत कोर्ट में प्रेक्टिस करने लगी। 2009 में यूपी में सीधे एडिशनल सेशन जज बनीं। 34 जजों के बेच की वह महिलाओं में टॉपर थी और उनकी दूसरी रेंकर हैं। कानपुर देहात में पहली पोस्टिंग हुई। अगस्त 2020 में प्रमोशन होने के बाद वह सेशन जज बन गई। उनकी दो बेटी हैं।

जज बबीता त्यागी से हुई बातचीत के मुख्य अंश

  1. यहां तक पहुंचने में सबसे बड़ी परेशानी क्या आई?
    -मैं ग्रामीण एरिया से हूं। जब में हायर एजुकेशन में थी, तब मैं गांव की अकेली लड़की थी जो बस से पढ़ने के लिए शहर आती थी। अब परिस्थिति बदल रही है, लेकिन मैंने तब भी अपने परिवार की इज्जत का ख्याल रखा और मेहनत की। तब इस मुकाम पर पहुंच पाई।
  2. आपने महिलाओं के लिए क्या बदलाव किए?
    -डेढ़ साल तक मैं फैमिली कोर्ट में जज रही। वहां पेंडिंग चल रहे हजारों केसों का निस्तारण किया। महिलाओं को हमेशा कहती हूं कि अपने आपको कमजोर करने की जरूरत नहीं है। गलत सहन नहीं करना, चाहे कुछ भी हो। मध्यस्थता कर पति-पत्नी के बीच समझौते कराकर उनके घर भी बसाए।
  3. महिला के तौर पर आपकी सबसे बड़ी ताकत क्या है?
    -मुझे पता होता है कि मुझे क्या करना है। मेरी क्या प्राथमिकताएं हैं। मनोबल मेरी सबसे बड़ी ताकत है। सत्य के रास्ते पर चलती हूं, इसलिए रास्ता अपने आप मिल जाता है।
  4. दूसरी महिलाओं को आप क्या सलाह देना चाहती हैं?
    -क्षमताओं की किसी में कमी नहीं होती। कोई कमजोर नहीं होता। जिस मुकाम को आप हासिल करना चाहते हैं, उसकी तरफ एक कदम बढ़ाएं और 100 प्रतिशत दें, कामयाबी जरूर मिलती है। मैं यही कहूंगी कि जहां चाह होती है, वहां राह होती है।

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