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कस्टमाइज्ड मर्चेंडाइज का बिजनेस आइडिया,9 महीने में किया 50 लाख का बिजनेस

कॉलेज के फाइनल ईयर में कस्टमाइज्ड मर्चेंडाइज का बिजनेस आइडिया आया, 9 महीने में किया 50 लाख का बिजनेसआज की कहानी है झारखंड के बोकारो में रहने वाले 24 साल के यंग एंटरप्रेन्योर कुंदन मिश्रा की। उन्हें कॉलेज के फाइनल ईयर में एक बिजनेस आइडिया आया। इसकी बदौलत उन्होंने महज 9 महीने में ही 50 लाख रुपए का बिजनेस किया है। यह आइडिया था, कस्टमाइज्ड मर्चेंडाइज का। Custkart Merchandise नाम का यह बिजनेस हर सेक्टर के लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक कस्टमाइज्ड मर्चेंडाइज उपलब्ध कराता है।

कुंदन बताते हैं, ‘मैं बचपन से ही इंजीनियरिंग से प्रभावित था, लेकिन 10वीं में मेरे 57.8% मार्क्स आए। घरवालों के कहने पर मैंने साइंस स्ट्रीम से 12वीं करने का फैसला लिया। 12वीं में मेरे 60.80 % मार्क्स आए तो पापा ने पूछा कि तुम क्या करना चाहते हो। मैंने कहा इंजीनियरिंग करनी है। इसके बाद मैंने सिक्किम मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग करने का मन बना लिया। साल 2014 से 2018 तक मैंने यहां आईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

थर्ड ईयर के दौरान हॉस्टल में हम कुछ दोस्तों ने एक वेब सीरीज (टीवीएफ पिचर्स) देखी। इसके बाद हमने भी अपना स्टार्टअप करने के बारे में सोचा। इस दौरान मैंने कॉलेज के AIC-SMU टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर में हमारे एक प्रोफेसर स्वीटी सिंह से बात की। उन्हें अपने बिजनेस मॉडल के बारे में बताया। इसके बाद हमें इंक्यूबेशन सेंटर में जगह मिल गई। हमने अपनी कंपनी बुक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड रजिस्टर्ड कराई और साल 2017 में एक सैलून एग्रीगेटर बिजनेस की शुरुआत की। इसमें मेरे साथ 2 क्लासमेट थे।यह स्टार्टअप यंगस्टर्स को हेयर कट और बियर्ड ट्रिम के लिए सॉल्यूशन देता था। इसमें हमने लुक्स एंड ट्रायल रूम फीचर दिया था, जो मोबाइल का कैमरा यूज करके फेस के हिसाब से कट और लुक्स के बारे में सजेस्ट करता था। इसके बाद 10 किमी के अंदर के ऐसे सभी सैलून की डिटेल आ जाती थी, जो ऐसा हेयरकट या बियर्ड ट्रिम करते हैं। इसके बाद यूजर बुकिंग करके वहां हेयरकट करा सकता था।

इस बीच हमारे कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए कंपनियां आने लगीं। सब प्लेसमेंट की तरफ भागने लगे। ऐप डेवलपर दोस्त का प्लेसमेंट हो गया तो उसने हमारा साथ छोड़ दिया। बाद में दूसरे साथी ने भी प्लेसमेंट के कारण स्टार्टअप को बीच में ही छोड़ दिया।

चूंकि यह बिजनेस मॉडल टेक्निकल ब्रैकग्राउंड पर बेस्ड था और टेक्निकल सपोर्ट करने वाले दोनों साथियों ने बीच में ही साथ छोड़ दिया तो मुझे यह स्टार्टअप बंद करना पड़ा। हालांकि, मेरे जेहन में कुछ अपना बिजनेस करने का ही विचार था।

बिजनेस के पहले ऑर्डर में बिना पैसा लगाए 25 हजार रुपए का मुनाफा हुआ
कुंदन बताते हैं, ‘दिसंबर 2018 की बात है, मैं कॉलेज के ही इंक्यूबेशन सेंटर में बैठा था। उस वक्त मेरे कॉलेज में फेस्ट होने वाला था। उसी सिलसिले में मेरे कुछ जूनियर्स मेरे पास आए और पूछा कि भैया, आपने पिछली बार जो टी-शर्ट प्रिंट कराए थे, वो कहां से कराए थे? मैंने कहा मैं कल बताता हूं, फिर मैंने सोचा कि ये काम मैं क्यों नहीं कर सकता। इसके बाद मैंने बोकारो के ही लोकल वेंडर्स से बातचीत की और मैंने उनसे कमीशन पर टी-शर्ट प्रिंट कराईं। इसमें मुझे करीब 25 हजार रुपए का फायदा हुआ।
उस वक्त मुझे 700 पीस टी-शर्ट का ऑर्डर मिला था और कॉलेज से हमें 60% पेमेंट एडवांस मिला था। उसी से हमने काम किया। आप कह सकते हैं कि हमने अपने बिजनेस की शुरुआत में जेब से एक रुपया भी खर्च नहीं किया। बिजनेस से जो पैसा कमाया उसे बिजनेस में ही लगाकर इसे बड़ा किया। यहीं से मैंने तय किया कि अब मैं प्रिंटिंग बिजनेस ही करूंगा। इसके बाद जनवरी 2019 में जब घर आया तो बोकारो में ही रेंट पर एक ऑफिस लिया और अपने बिजनेस की शुरुआत की।

इसके बाद कुंदन ने सोशल मीडिया के अलग-अलग ग्रुप पर पोस्ट डालनी शुरू कीं। उन्हें ऑर्डर मिलने भी शुरू हो गए। आज वो झारखंड सरकार, RCP, DDU-GKY, PMKVY सेंटर और एनआईटी समेत 30 से ज्यादा कॉलेजों के साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा बोकारो में कई कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं, उनके लिए भी टी-शर्ट, बैग्स, आईडी कार्ड वगैरह उपलब्ध कराते हैं।

वेंडर्स से कमीशन पर कराते हैं काम
अपने बिजनेस मॉडल के बारे में कुंदन बताते हैं कि हमने बोकारो में अपने घर के ही पास एक वर्कशॉप बनाई है। यहां कुछ मशीनें लगाईं है। कोलकाता, लुधियाना में हमारे वेंडर्स हैं। हम उनसे फैब्रिक मंगाते हैं। फिर वर्कशॉप पर हम साइज के मुताबिक कटिंग कराते हैं। फिर इस पर प्रिंटिंग होती हैं। इसके बाद स्टिचिंग और आयरनिंग होती है। फिर हम फाइनल प्रोडक्ट को क्लाइंट को डिलीवर करते हैं।

इस वर्कशॉप में करीब 15 लोग काम करते हैं। ये सभी लोग कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम करते हैं। इसके अलावा हमने बोकारो के ही कुछ लोकल वेंडर्स से भी टाईअप किया है। हम उन्हें फैब्रिक देते हैं और वो अपनी मशीनरी और वर्कर से काम कराकर हमें फाइनल प्रोडक्ट देते हैं। इसके एवज में हम उन्हें प्रति टी-शर्ट के हिसाब से कमीशन देते हैं।

कुंदन के स्टार्टअप में सिर्फ 2 लोग ही हैं। एक वह खुद और एक उनके बड़े भाई अभिषेक मिश्रा हैं। कुंदन से उम्र में एक साल बड़े उनके भाई वर्कशॉप में प्रोडक्ट की क्वालिटी चेक से लेकर अकाउंट और मार्केटिंग का काम संभालते हैं। कुंदन डिजाइनिंग और कस्टमर से वन टू वन कॉन्टैक्ट में रहते हैं।शुरुआत में सोशल मीडिया से नंबर्स लेकर रोज 50 कॉल करते थे
कुंदन बताते हैं कि बिजनेस की शुरुआत में वे दिन भर इंटरनेट पर सर्च करते रहते थे कि किस कॉलेज में कौन सा इवेंट होने वाला है। फिर उनके सोशल मीडिया पेज से उनसे कॉन्टैक्ट करके उन्हें अपने प्राेडक्ट के बारे में बताते थे। हमारे प्रोडक्ट की खासियत है कि हम 6 महीने की गारंटी भी देते हैं और अगर प्रोडक्ट खराब हो तो पूरा पैसा रिफंड भी करते हैं। इसके चलते धीरे-धीरे लोग उनसे जुड़ते गए।

वे कहते हैं, ‘शुरुआती दौर में एक दिन में 40 से 50 कॉल किया करता था। अब हमें लोगों को नहीं ढूंढ़ना पड़ता है, लोग खुद ही हमें सोशल मीडिया या अन्य सोर्स से ढूंढ लेते हैं।’ कुंदन ने दिसंबर 2018 से मई 2020 तक अपनी पुरानी कंपनी ‘बुक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ से ही बिजनेस किया। यह सर्विस बेस्ड कंपनी थी और वो इससे प्रोडक्ट बेस्ड बिजनेस कर रहे थे। भविष्य में कोई परेशानी न हो इसलिए जून 2020 में उन्होंने Custkart Merchandise Private Limited नाम से अपना ब्रांड लॉन्च किया।

लॉकडाउन में भी मिले बल्क ऑर्डर

कुंदन बताते हैं, ‘ जब लॉकडाउन हुआ तो हमें लगा कि हमारे पास ऑर्डर नहीं आएंगे लेकिन इस दौरान ग्रॉसरी, मेडिसिन डिलीवरी जैसे कई नए बिजनेस भी शुरू हुए। हमने गूगल पर ऐसे बिजनेस को ढूंढा और उनसे संपर्क किया, क्योंकि उनके बिजनेस में डिलीवरी बॉय को टी-शर्ट, कैप और बैग की जरूरत तो होगी ही। इस दौरान हमें कई ऑर्डर मिले और कुछ बड़ी कंपनियों से बल्क ऑर्डर भी मिले।

जून 2020 से फरवरी 2021 तक हम एक लाख से ज्यादा मर्चेंडाइज टी-शर्ट के ऑर्डर लेकर डिलीवर कर चुके हैं। इसके अलावा हम इन 9 महीनों में 50 लाख रुपए का बिजनेस कर चुके हैं। हमारी मर्चेंडाइज टी-शर्ट की कीमत 120 रुपए से लेकर 500 रुपए तक है।’

अगले महीने वेबसाइट लॉन्च करेंगे
कुंदन कहते हैं, ‘कॉलेज स्टूडेंट्स को हमारे जैसे बाकी प्लेटफॉर्म पर टी-शर्ट तो मिलती हैं लेकिन हम कॉलेज के हिसाब से स्पेसिफिक मर्चेंडाइज लॉन्च करते हैं, इसमें कॉलेज के फेमस मीम्स और डायलॉग होते हैं। अभी तक तो पूरा बिजनेस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मदद से ही चल रहा था। 15 अप्रैल को हम अपनी वेबसाइट लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इसके अलावा जल्द ही हम मर्चेंडाइज आइटम्स के ऑफलाइन स्टोर भी खोलने की तैयारी में हैं।’

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