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हरियाणा विधानसभा बजट सत्र:पहले दिन की कार्यवाही में काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे कांग्रेसी

हरियाणा विधानसभा बजट सत्र:पहले दिन की कार्यवाही में काली पट्टी बांधकर सदन में पहुंचे कांग्रेसी; राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने पढ़ा अभिभाषणस्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को दिए अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के 30 में से 25 विधायकों के हस्ताक्षर
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य अभिभाषण के जरिए सरकार का रोडमैप पेश किया। इसमें बताया गया कि जिन किसानों की फसलें रबी 2020 के दौरान ओलावृष्टि के कारण खराब हुई हैं, उन्हें मुआवजा देने के लिए भिवानी, हिसार, महेंद्रगढ़, नूंह, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा और चरखी दादरी के उपायुक्तों को 115 करोड़ 18 लाख रुपए दिए गए हैं। सरकार ने नंबरदार का मानदेय बढ़ाकर 3000 रुपए प्रति माह कर दिया है। भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

वहीं, कांग्रेस ने सरकार के विरोध की पूरी रणनीति बना ली है। कांग्रेसी विधायक किसान आंदोलन और महंगाई के मुद्दे पर सरकार पर हल्ला बोलेंगे। प्रदर्शन को देखते हुए सचिवालय चौक पर भारी पुलिस बल तैनात है। विधायक काली पट्टी बांधकर पहुंचे। इस पर गृह मंत्री अनिल विज ने आपत्ति जताई। कहा कि कांग्रेस विधायकों ने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत का अपमान किया है। सदन में जब राष्ट्रीय गीत और राष्ट्र गान बज रहा था तो कांग्रेस विधायक काली पट्टी बांधे हुए थे।

इससे पहले सुबह कांग्रेस विधायकों की ओर से भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार के विरुद्ध हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को अविश्वास प्रस्ताव दिया गया। विधानसभा में कांग्रेस के 30 विधायक हैं, लेकिन इस प्रस्ताव पर फिलहाल 25 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। कांग्रेस 10 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव रखेगी और इसी दिन पर इस पर चर्चा होगी।

आज शुरू हुआ हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 12 दिन का होगा और इस बीच 5 दिन का अवकाश रहेगा। वहीं इस बार सत्र हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं और सत्‍ता पक्ष व विपक्ष के बीच टकराव के हालात भी बनेंगे। पूर्व CM एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद सिंह हुड्‌डा तीन कृषि कानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में यह अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं। नियमानुसार 18 विधायक एक साथ अगर यह प्रस्ताव लाते हैं तो विधानसभा अध्यक्ष को उसे स्वीकार कर चर्चा व मतदान के लिए समय तय करना होगा। इसकी जानकारी नेता प्रतिपक्ष व प्रस्ताव सदन में रखने वाले विधायकों को लिखित में देनी होगी।

दूसरी ओर, मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल और उपमुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला की जोड़ी हुड्डा के तीरों का जवाब देने को पूरी तरह तैयार है। भाजपा-जजपा गठबंधन द्वारा हुड्डा के अविश्‍वास प्रस्ताव को गिराने की तैयारी का दावा किया जा रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर जमकर बहस होने के आसार हैं।

विपक्ष के हाथ से छीने कई मुद्दे

बजट सत्र की शुरुआत से पहले ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विपक्ष के हाथ से कई बड़े मुद्दे छीन लिए हैं। प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में हरियाणा के युवाओं को 75 फीसदी रोजगार दिए की गारंटी, अदालत में विवादित भर्तियों की नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने, अवैध रूप से शराब की बिक्री व जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच कमेटियों की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव विजयवर्धन के नेतृत्व में कमेटी का गठन ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान गठबंधन की सरकार पहले ही कर चुकी है।

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