गढ़चिरौली में पुलिस-नक्सली मुठभेड़:एक C-60 कमांडो शहीद, फंसे हुए कमांडोज को निकालने के लिए एयरफोर्स से मदद मांगी गईमहाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में पुलिसकर्मियों और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई है।12 घंटे तक चली मुठभेड़ में एक C-60 कमांडो के शहीद होने और कुछ के घायल होने की जानकारी सामने आ रही है। आधिकारिक संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। घायल कमांडोज को नागपुर शिफ्ट किया जा रहा है। मुठभेड़ की जगह पर कमांडोज फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए एयरफोर्स से मदद मांगी गई है।
दक्षिण गढ़चिरौली में पुलिसकर्मियों और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ कोरपर्शी जंगल में हुई है। यह इलाका महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर आता है। सूत्रों के मुताबिक, C-60 जवानों पर यह हमला तब हुआ जब वे कुछ गांवों में तलाशी अभियान चला रहे थे। इन गांवों में भारी संख्या में नक्सलियों के पहुंचने की जानकारी मिली थी। इस दौरान दोनों ओर से भीषण गोलीबारी हुई। मौके पर कांकेर पुलिस के 270 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को भेजा गया है।
चुनाव के वक्त ली जाती है एयरफोर्स की मदद
गढ़चिरौली में विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान एयरफोर्स की मदद ली जाती है। हालांकि इससे पहले कभी भी नक्सलियों से मुठभेड़ या नक्सली हमले के दौरान एयरफोर्स की मदद नहीं ली गई।
कौन हैं C-60 एंटी नक्सल कमांडो
गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थी। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन SP केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को C-60 की स्थापना की। उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग।
प्रशासनिक कामकाज भी करते हैं C-60 कमांडो
इन कमांडो को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें दिन-रात किसी भी समय कार्रवाई करने के लिए ट्रेंड किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, NSG कैंप मनेसर, कांकेर, हजारीबाद में होती है। नक्सल विरोधी अभियान के अलावा ये जवान नक्सलियों के परिवार, नाते-रिश्तेदारों से मिलकर उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम भी करते हैं। नक्सली इलाकों में ये प्रशासनिक समस्याओं की जानकारी भी जुटाते हैं।
2019 में नक्सली हमले में 15 जवान शहीद हुए थे
इससे पहले 3 मई 2019 को घात लगाकार बैठे 100 से ज्यादा नक्सलियों ने एक ऐसा ही हमला किया था। गढ़चिरौली में हुए आईईडी ब्लास्ट में 15 QRT जवान शहीद हो गए थे। इस दुर्दांत हमले के पीछे उत्तरी गढ़चिरोली के सीपीआई (माओवादी) का कमांडर भास्कर हमले का मास्टर माइंड बताया गया था।