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नीरज ने बढ़ाई ओलिंपिक मेडल की उम्मीद:ग्रैंड प्रिक्स थर्ड में 88.07 मीटर फेंक,

नीरज ने बढ़ाई ओलिंपिक मेडल की उम्मीद:ग्रैंड प्रिक्स थर्ड में 88.07 मीटर फेंक, खुद का नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा ; रियो ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट से करीब 3 मीटर ज्यादाइंटरनेशनल एथलीट नीरज चोपड़ा ओलिंपिक में एक मेडल पक्का कर सकते हैं। शुक्रवार को नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में भारतीय ग्रैंड प्रिक्स थर्ड में करीब एक साल बाद वापसी करते हुए चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में 88.07 मीटर का स्कोर कर नेशनल रिकॉर्ड बनाया। उनका यह थ्रो रियो ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट से करीब 3 मीटर ज्यादा है।

रियो ओलिंपिक में जर्मनी के थॉमस रोहलर ने 90.30 मीटर फेंकर गोल्ड जीता था, जबकि केन्या के जूलियस यूगो ने 88.24 मीटर थ्रो कर सिल्वर और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के केर्सन वॉलेट ने 85.38 मीटर थ्रो करके ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

नीरज ने 2018 एशियन गेम्स में बनाया था रिकॉर्ड
इससे पहले 27 अगस्त, 2018 को जकार्ता में नीरज चोपड़ा का एशियाई खेलों में रिकॉर्ड 88.06 मीटर था और शुक्रवार को पटियाला में उन्होंने अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा। महामारी के कारण एक साल से ज्यादा समय बाद पहली बार प्रतियोगिता में भाग लेने उतरे चोपड़ा ने पांचवें प्रयास में 88.07 मीटर दूर थ्रो किया। 24 वर्षीय चोपड़ा ने दो फाउल थ्रो के बाद 83.03 मीटर से शुरूआत की। चौथे थ्रो में उन्होंने भाला 83.36 मीटर दूर फेंका और NIS पटियाला में दर्शकों की हौसलाअफजाई के बीच पांचवें प्रयास में रिकार्ड तोड़ा। उनका अंतिम थ्रो 82.24 मीटर का रहा।

शिवपाल सिंह ने जीता सिल्वर मेडल

शिवपाल सिंह (उत्तर प्रदेश) ने अपने चौथे प्रयास में 81.63 मीटर स्कोर किया। इंटरनेशनल एथलीट नीरज चौपड़ा ने नेशनल रिकॉर्ड बनाकर कहा कि वे सभी प्रतियोगिताओं में अपना सर्वश्रेष्ठ देने और टोक्यो में ओलंपिक खेलों में देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे हैं। भारतीय एथलेटिक्स को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की पूरी कोशिश करेंगे।

नीरज बोले- टोक्यो ओलिंपिक में इससे बेहतर कर मेडल जीतने का प्रयास करूंगा
खेल खत्म होने के बाद नीरज ने कहा, ‘मैं तैयार था और आज हवा चल रही थी। मैंने अपने पसंदीदा भाले का इस्तेमाल किया जिससे मुझे मदद मिली। महामारी ने ट्रेनिंग और तैयारियों को प्रभावित किया था, लेकिन हम इससे निपटने में सफल रहे। टोक्यो ओलिंपिक में मेडल जीतने के लिए मुझे इससे भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा, क्योंकि दुनिया भर में मौजूदा थ्रोअर इससे ज्यादा फेंक रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि मैं इससे बेहतर थ्रो कर ओलिंपिक में मेडल जीतने में सफल हूंगा।’

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