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पेपर लीक मामला:आंसर-की के बदले हर परीक्षार्थी से 30-30 हजार रुपए लेते थे कैग कर्मचारी

दिल्ली कोर्ट भर्ती पेपर लीक मामला:आंसर-की के बदले हर परीक्षार्थी से 30-30 हजार रुपए लेते थे कैग कर्मचारी, 7 पेपर करवा चुके, 8वीं बार फंसेडेढ़ साल पहले सरगना अशोक के संपर्क में आए थे दोनों आरोपी, पुलिस ने नरवाना कोर्ट से 5 दिन के रिमांड पर लिए, सीआईए जांच में जुटी
दिल्ली की जिला अदालत में ग्रुप डी के पदों की भर्ती के पेपर लीक व सॉल्व मामले में जींद के पकड़े गए कैग कर्मचारी सुरेंद्र व हरदीप दनौदा 8वीं बार सॉल्वर बने थे। गिरोह का मुख्य सरगना अशोक काकड़ौद उन्हें आंसर की और मोबाइल देकर परीक्षार्थियों का नंबर देता था और ये उन्हें आंसर की बताते थे।

इसकी एवज में प्रति आवेदक के हिसाब से दोनों को 30-30 हजार रुपए अशोक काकड़ौद द्वारा दिए जाने की बात कही थी। यह खुलासा पुलिस द्वारा पेपर लीक व सॉल्व कराने मामले में पकड़े गए उक्त दोनों आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में किया है।

सीआईए ने दोनों आरोपियों को नरवाना अदालत में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस ने पकड़े गए तीसरे आरोपी मंदीप को अभी तक अदालत में पेश नहीं किया है। पुलिस उसे अब तक मामले में इंफोरमर बता रही है।

ग्रेजुएट कैग कर्मचारी सुरेंद्र व हरदीप ने पुलिस पूछताछ में कबूला कि वे पिछले डेढ़ साल पहले अशोक काकड़ौद के संपर्क में आए थे और उसके बाद से उन्हें भर्ती परीक्षाओं में पेपर सॉल्व कराने के लिए आंसर की और फोन देकर परीक्षार्थियों से संपर्क करने को कहा जाता था। अपने आप को पुलिस कर्मचारी बताने वाले अशोक काकडौद पॉल्ट्री व्यवसायी भी है।

सीआईए थाना प्रभारी मनोज वर्मा के अनुसार पुलिस मुख्य सरगना अशोक की गिरफ्तारी के लिए उसके ठिकानों पर रेड कर रही है। मुख्य सरगना की गिरफ्तारी के बाद ही पेपर लीक मामले का पूरा खुलासा हो पाएगा कि वह परीक्षार्थियों से कितनी रकम लेता था। पुलिस का कहना है कि मुख्यारोपी को पकड़ने के लिए टीमें दबिश दे रही हैं, उसकी गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा हो सकता है।

नेटवर्क तलाशने को दिल्ली में रेड

उचाना के डीएसपी जितेंद्र कुमार ने बताया कि पेपर लीक व सॉल्व करने मामले का पूरा नेटवर्क का पता लगाने के लिए पुलिस आरोपियों को साथ लेकर दिल्ली में दबिश देकर परीक्षा देने वाले युवकों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। आरोपियों ने 10 से 12 परीक्षार्थियों के पेपर सॉल्व कराने के सौदे की बात कही है, लेकिन अभी तक आरोपियों ने सारी परतें नहीं खोली हैं।

हालांकि पुलिस का मानना है कि पेपर सॉल्व कराने का यह बड़ा नेटवर्क फैला है। इसमें ज्यादातर नौकरीपेशा युवक ही शामिल होकर गौरखधंधे से जुड़कर मोटा पैसा कमा रहे हैं। पेपर कैसे लीक हुआ इसका खुलासा नहीं किया गया। यह गिरोह पिछले लंबे समय से सक्रिय है और युवाओं से पेपर सॉल्व के नाम पर लाखों रुपए कमा रहे हैं।

यह था मामला

रविवार को दिल्ली जिला अदालत में ग्रुप डी के पदों की भर्ती परीक्षा ऑनलाइन कराई गई थी। जींद के उचाना क्षेत्र के गांव काकड़ौद के खेतों से पुलिस ने रेड कर पेपर सॉल्व करा रहे गैंग को पकड़ा था। जिसमें मौके से आधा दर्जन आरोपी फरार हो गए थे और पुलिस ने दनौदा निवासी सुरेंद्र व हरदीप तथा मंदीप काकड़ौद को काबू कर लिया था। इसमें पकड़े गए सुरेंद्र व हरदीप दोनों पंजाब के कैग ऑफिसर के कर्मचारी हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियो को पूछताछ के बाद अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया है।

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