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टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदाेलन का 94वां दिन:किसानों का ऐलान-सरकार हमें कोरोना से न डराए

टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदाेलन का 94वां दिन:किसानों का ऐलान-सरकार हमें कोरोना से न डराए हम मेहनत करने वाले लोग हैं, टीका लगवाने नहीं जाएंगेआंदोलन पर डटे किसान सर्दी के बाद अब गर्मियों की तैयारियों में जुटे, किसानों में वैक्सीनेशन को लेकर उत्साह नहीं
शहर में कोरोना वायरस से बचाव के लिए दूसरे चरण के टीकाकरण का काम शुरू हो गया है। पर किसानों की भीड़ में कोरोना के टीकों को लेकर कोई उत्साह नहीं है। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि टीका लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्र नहीं जाएंगे।

राजेवाल ने कहा मुझे टीका लगवाने की जरूरत नहीं है। हमने कोरोना को मार दिया है। किसानों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है क्योंकि वे अपने खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं। किसानों को कोरोना वायरस का डर नहीं है। बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि टिकरी बॉर्डर बहादुरगढ़ पर किसानों को समर्थन करते हुए सभी किसानों का हौंसला बढ़ाया।

किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों को तीन महीने से ज्यादा इस आंदोलन में बैठे हो गए है। हर आंदोलन अपने पीछे कुछ न कुछ छोड़ जाता है। पूरी दुनिया इस आंदोलन को देख रही है क्योंकि सबसे ज्यादा लम्बा बड़ा व शांतिप्रिय तरीके से यह आंदोलन चला है।

51 साल पहले मैंने किसानों के लिए जत्थे बंदी में आया था। इस आंदोलन में हर वर्ग युवा भागीदारी निभा रहे है। गर्मी सर्दी आप लोगो ने सब कुछ झेला है। हमने पंजाब हरियाणा में राजनीतिक लीडरों के पांव उखाड़ दिए है।

किसान आपस में सहयाेग करें

अब जो नेता जनता की भलाई व ईमानदार होगा चाहे वह किसी भी पार्टी हो उसे ही वोट मिलेगी। मोदी सरकार अब टूट गई है। सरकार कहती है कि कानूनों में काला क्या है यह पूरा कानून ही काला है। सरकार बार-बार कहती है कि इनमें पूरा संशोधन करवा लो। जब सरकार ये खुद मानती है कि कृषि कानून राज्यों का विषय है तो केंद्र सरकार ने कानून बनाए क्यों।

मैंने कई बार कृषि मंत्री से यह सवाल किया इसका जवाब उसके पास नहीं था। 72 साल आजाद होने के बाद भी हमारा देश भूख से जूझ रहा है। कुछ लोगों के हाथ में पैसा है बाकी उनके नौकर है। यह आंदोलन हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए है। यह सरकार विदेशों जैसा माहौल भारत में बनाना चाहती है।

अनाज का व्यापार कभी भी घाटे का सौदा नहीं हो सकता इसलिए बड़े व्यापारी वर्ग के मुंह में पानी आ गया। जो कृषि पर आधारित है तो उनसे खेती छीन लोगे तो फिर क्या होगा लूट खसोट होगी। दुकानें बंद हो जाएंगी। किसान भूखे मर जाएंगे। अब माहाैल ऐसा बन रहा है कि राजनेता आम जनता के आगे हाथ जोड़ेंगे। सरकार को अब भी गलत फहमी है कि कटाई के दिन आने वाले है तब आंदोलन खत्म हो जाएगा।

आप किसान आपस में सहयोग करना। मोदी अब घबराए हुए है जो दूसरे राज्यों में जाकर किसानों को समझा रहे है। जहां 5 राज्यों में चुनाव होने वाला है वहां की जनता हमें बुला रही है। वहीं कोविड-19 संक्रमण से ज्यादा खतरे का सामना कर रहे किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि उन्हें कोरोना वायरस का डर नहीं है और वे टीका नहीं लगवाएंगे।

बाॅर्डर पर काेराेना का काेई मामला नहीं आया सामने

किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि टीका लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्र नहीं जाएंगे। वहीं दूसरे किसानों ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का डर उन्हें उनकी लड़ाई से भटकाने के लिए काफी नहीं है।

टिकरी बॉडर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रमुख ने कहा किसानों के लिए कोई कोरोना नहीं है। मैं टीका नहीं लगवाऊंगा, लेकिन हम किसी से टीका नहीं लगवाने के लिए भी नहीं कहेंगे। हालांकि, किसानों ने कहा कि हमें कोरोना वायरस का डर नहीं है। दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान धरना दे रहे हैं, लेकिन वहां कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

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