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कोरोना वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक पर साइबर अटैक किया

न्यूयॉर्क टाइम्स का खुलासा:चीन ने मुंबई के पावर सप्लाई सिस्टम, कोरोना वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक पर साइबर अटैक किया थागलवान में भारतीय सेना के साथ हुई झड़प के बाद चीनी हैकरों ने पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई के पावर सप्लाई सिस्टम पर साइबर अटैक किया था। इस घटना के बाद महानगर में करीब 10-12 घंटे तक बिजली सप्लाई ठप रही थी। इसके अलावा चीनी हैकरों ने कोरोना वैक्सीन बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट पर भी साइबर अटैक किया था। इसमें हैकरों ने IT सिस्टम को निशाना बनाया था।

दोनों साइबर अटैक अलग-अलग ग्रुप ने किए

अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के RedEcho ग्रुप ने मुंबई पावर सिस्टम और APT10 ग्रुप ने वैक्सीन मेकर्स पर साइबर अटैक किया था।

मुंबई में साइबर अटैक के बाद बिजली सप्लाई सुबह करीब 10 बजे ठप हुई। दो घंटे बाद रेलवे सर्विस तो शुरू कर ली गई थी, लेकिन पूरी तरह दिक्कत को दूर करने में 10-12 घंटे लगे थे। इसे दशक का सबसे खराब पावर फेल्योर बताया गया था। इस बीच, महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने भी रिपोर्ट की पुष्टि की है।

सीरम और भारत बायोटेक पर हमले के बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स को सिंगापुर बेस्ड ग्रुप Cyfirma ग्रुप ने जानकारी दी। ग्रुप के चीफ एग्जिक्यूटिव कुमार रितेश ने बताया कि हमले का मकसद वैक्सीन बनाने वाले संस्थानों से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी निकलाना और इन कंपनियों से टेक्निकल एंडवांटेज हासिल करना था। रितेश ब्रिटिश इंटेलीजेंस एजेंसी MI6 के टॉप साइबर ऑफिशियल हैं। उन्होंने कहा कि सीरम और भारत बायोटेक पर हमले हाल के हफ्तों में हुए हैं।

भारत को चुप कराने की साजिश
साइबर अटैक के जरिए चीन, भारत को चुप रहने का संदेश देना चाहता था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जब भारतीय और चीनी सैनिक बॉर्डर पर आमने-सामने थे, तब मॉलवेयर को उन कंट्रोल सिस्टम में इंजेक्ट किया जा रहा था जो पूरे भारत में बिजली की सप्लाई की देखरेख करते हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र साइबर सेल की शुरुआती जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि पावर आउटेज के पीछे मॉलवेयर अटैक हो सकता है। हालांकि, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने आउटेज की बड़ी वजह ठाणे जिले के लोड डिस्पैच सेंटर में ट्रिपिंग को बताया था।

साइबर स्पेस कंपनी ने की थी ट्रेसिंग
रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर स्पेस कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर ने घटना की मॉलवेयर ट्रेसिंग की थी। कंपनी के CEO स्टुअर्ट सोलोमन के हवाले से कहा गया है कि इंडियन पावर जनरेशन और ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगभग 10 से अधिक नोड्स से एंट्री करने के लिए एडवांस साइबर टेक्नॉलोजी का उपयोग किया गया था।

RedEcho को लगातार किया जाएगा ट्रैक
साइबर सिक्योरिटी कंपनी का कहना है कि इन तमाम आशंकाओं के बावजूद, मौजूदा हैकर ग्रुप के लिए मुंबई पावर आउटेज के लिए कौन जिम्मेदार है इसके पर्याप्त सबूत नहीं हैं। हालांकि, इसके लिए RedEcho को ट्रैक करना जारी रहेगा। कंपनी ने ये भी कहा है कि उसने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को अपने रिजल्ट भेजे हैं।

सीमा झड़प के बाद 10,000 साइबर अटैक का प्रयास
रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा कि अधिकांश हमले और मॉलवेयर का कमांड और कंट्रोल सर्वर चीन में मिला है। सीमा पर हुई झड़पों के तुरंत बाद हमने रोजाना 10,000 साइबर हमले के प्रयासों को ऑब्जर्व किया। फिलहाल यह थोड़ा कम हुआ है, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा। संभावित साइबर हमलों और संवेदनशील सरकारी वेबसाइट्स और पोर्टल्स के सुरक्षा पहलुओं पर एक रिपोर्ट भी इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को दी गई है।

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