कृषि बिल का विरोध:किसानों का मंत्री की कोठी में घुसने का प्रयास, बैरिकेड्स तोड़े, 2 घंटे पुलिस से धक्का-मुक्कीसिरसा में 3 दिन में डिप्टी सीएम, शिक्षामंत्री और बिजलीमंत्री को दिखा चुके काले झंडे
कृषि बिल के विरोध में धरने पर बैठे किसानों ने सोमवार को बिजली मंत्री की कोठी में घुसने का प्रयास किया। पुलिस की ओर से गली में लगाए गए बेरिकेड तोड़े दिए और रस्सी काट दी। इस दौरान दो घंटे तक पुलिस के साथ धक्का-मुक्की चलती रही।
अधिकारियों ने चालाकी से महिला जवानों काे आगे कर दिया। आखिर में किसानों ने महिला जवानों का विरोध नहीं करने का निर्णय लिया और रणजीत सिंह के खिलाफ नारेबाजी करके वापस लौट आए। इस दौरान बिजली मंत्री रणजीत सिंह अपनी कोठी पर कार्यकर्ताओं से मिल रहे थे। कोठी के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात किया हुआ था। एसडीएम-डीएसपी मौका संभाल रहे थे।
काले झंडे लेकर पहुंचे किसानों ने कहा कि वे किसान आंदोलन को लेकर बिजली मंत्री से आमने- सामने बातचीत करना चाहते हैं। उनसे पूछना चाहते हैं कि वे किसान के साथ हैं या नहीं। अगर किसान के साथ हैं तो मंत्री पद से इस्तीफा देकर सरकार से अपना समर्थन वापस लें। किसानों को जब आगे नहीं बढ़ने दिया तो किसानो ने विरोध करके बैरिकेड्स तोड़कर गली में डाल दिए।
पुलिस ने लाठी और रस्सी के सहारे भी उनको रोकने का प्रयास किया था, मगर किसानों ने रस्सी काट दी। बता दें कि सिरसा में सरकार से जुड़ा नेता आता है तो किसान विरोध करते हैं। पिछले तीन दिन में डिप्टी सीएम, शिक्षामंत्री और बिजलीमंत्री को काले झंडे दिखाए जा चुके हैं।
अधिकारियों की चालाकी, महिला जवानों को आगे किया तो पीछे हट गए किसान
किसानों का विरोध : रास्ता खोलने को लेकर झाड़ौदा बाॅर्डर के पास लगाया जाम
ग्रामीणों ने टिकैत व किसानों के खिलाफ की नारेबाजी
बहादुरगढ़, कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान अांदोलन के कारण बहादुरगढ़ से नजफगढ़ के रास्ते पूरी तरह बंद हैं। इसे लेकर बस अड्डे के पास दिल्ली के किसानों ने आध घंटा रास्ता बंद कर राेष जताया। आसपास के किसानाें ने बाॅर्डर बंद होने से आर्थिक नुकसान का हवाला देकर विरोध जताया।
किसानों में उमेश सिंह व कृष्ण ने बताया कि बाॅर्डर बंद होने से बहादुरगढ़ व नजफगढ़ के व्यापार को भारी नुकसान हो रहा है। अब किसानों की फसल भी प्रभावित होने लगी है। ग्रामीणों ने किसान नेता राकेश टिकैत व बॉर्डर पर डटे किसानों के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि बॉर्डर जाम होने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। फसलें बर्बाद हो रही हैं। गोभी 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकती थी, आज 50 पैसे किलो भी नहीं बिक रही है। वे बर्बाद हो जाएंगे।