किसानों का विरोध:बीजेपी की मीटिंग लेने पहुंचे शिक्षा मंत्री, किसानों ने दिखाए काले झंडेप्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर शनिवार शाम सिरसा पहुंचे और भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक मक्खनलाल सिंगला के कार्यालय में बीजेपी नेताओं व किसानों की मीटिंग ली। किसानों के विरोध के चलते शिक्षा मंत्री को गुपचुप तरीके से पूर्व विधायक के कार्यालय में पहुंचना पड़ा, लेकिन फिर भी किसानों को इसकी भनक लग गई।
किसान हाथों में काले झंडे लेकर मौके पर पहुंच गए और बीजेपी-जेजेपी के खिलाफ नारे लगाने लगे। सिंगला के कार्यालय में बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में हैं। कृषि कानून के विरोध में जो आंदोलन हो रहा है, उसमें मुख्यत:हरियाणा व पंजाब के ही किसान है।
शिक्षा मंत्री की बैठक में जिलाध्यक्ष आदित्य देवीलाल,जगदीश चौपड़ा, पवन बैनीवाल, यतिंद्र सिंह एडवोकेट, बलकौर सिंह, रामचंद्र कंबोज, अमन चौपड़ा, कपिल सोनी एडवोकेट, प्रदीप रातसुरिया व रेणू शर्मा भी मौजूद रहीं। शिक्षा मंत्री को काले झंडे दिखाने के बाद किसान डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की कोठी तक पहुंच गए। ऐसा इसलिए हो सका क्योंकि रात होने पर पुलिस फोर्स व इंटेलिजेंस के अधिकारी यहां से जा चुके थे।
किसानों ने डिप्टी सीएम निवास का भी घेराव किया। यहां तैनात सुरक्षा कर्मियों के चलते वह अंदर नहीं जा सके। यहां भी किसानों ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अधिकारियों तक जब ये बात पहुंची तो पुलिस फोर्स को डिप्टी सीएम निवास के आसपास तैनात कर दिया गया। इधर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में है। आज हमने सामान्य बैठक ली है और कृषि कानून पर चर्चा की है। वैसे भी इस कानून से किसानों का विकल्प ही मिले है।
यह कानून पूरी तरह से किसानों के साथ है। किसानों को हम समझाने का पूरा प्रयास भी कर रहे है लेकिन किसान समझने को राजी नहीं। वहीं किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि जैसे ही हमें शिक्षा मंत्री के आने की सूचना मिली, हम एकत्रित होकर विरोध जताने आए है। बीजेपी जेजेपी मंत्रियों को हम माहौल खराब करने नहीं देंगे। शिक्षा मंत्री कहते हैं कि यह आंदोलन हरियाणा व पंजाब के किसानों का है। अगर वे सही हैं, तो जनता के बीच आकर बात रखें, न ही छुपकर बैठक करें।