सख्ती के साथ राहत:हाईकोर्ट ने नौदीप को दी जमानत, कहा-सुनिश्चित करें कि आपकी वजह से कानून व्यवस्था भंग न होकिसान आंदोलन के दौरान पुलिस पर हमले के आरोप में सोनीपत से गिरफ्तार मुक्तसर की श्रमिक कार्यकर्ता नौदीप कौर की जमानत शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली। साथ ही जस्टिस अवनीश झींगन ने कहा कि नौदीप सुनिश्चित करें कि उनकी वजह से कानून व्यवस्था भंग न हो।
मामले की जांच जारी है। ऐसे में जमानत दिए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल के दौरान यह देखा जाना चाहिए कि शांतिपूर्ण आंदोलन हिंसक हुआ या नहीं। इसके अलावा जानलेवा हमला करने का मामला भी विवाद का विषय है, जिस पर ट्रायल के दौरान ही विचार किया जाना चाहिए। नौदीप ने याचिका में आरोप लगाया कि राज्य पुलिस ने उनको फर्जी केस में फंसाया है। आरोप है कि नौदीप कौर ने पुलिसवालों पर लाठी से हमला किया।
नौदीप 12 जनवरी से हिरासत में थी। उसे देर शाम करनाल जेल से रिहाकर दिया गया। संयुक्त मोर्चा ने नौदीप के बाद किसान अांदोलन का समर्थन कर रहे शिव कुमार की रिहाई की भी मांग की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हाल ही में आई मेडिकल रिपोर्ट से यह सिद्ध होता है कि शिव के साथ भी पुलिस ने ज्यादती की है। दूसरी तरफ, 11 फरवरी काे पंजाब की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अरुणा चाैधरी ने भी राष्ट्रीय महिला आयाेग से मामले में दखल देने का अनुरोध किया था। ताकि नौदीप को न्याय मिल सके।
रिहाई के बाद बोली- पहले घर, फिर बॉर्डर पर जाऊंगी
मैंने कोई हिंसा नहीं की थी। पुलिस ने मुझे फंसाया है। सोनीपत पुलिस ने जो वीडियो जारी किया है, वह एडिट किया हुआ है। हमारे पास घटना का पूरा वीडियो है। वकील से सलाह कर इसे जारी किया जाएगा। गिरफ्तारी के बाद सोनीपत पुलिस के पुरुष कर्मचारियों ने मुझे और शिव को बुरी तरह टाॅर्चर किया। मुझे ज्यादा चोटें आई थीं। मेडिकल भी कराया था। पहली बार दस साल में मेरी गिरफ्तारी हुई है। मेरे ऊपर 307 धारा लगा दी गई। कुछ दिन पहले जेल में महिला आयोग की चेयरमैन प्रीति भारद्वाज भी आई थीं। प्रीति ने जेल में मिलने के बाद बाहर पत्रकारों को बताया था कि नौदीप कौर बंदियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है। यह झूठ है। अब यहां से पहले मैं अपने घर मुक्तसर फिर बॉर्डर पर आंदोलन में जरूर जाऊंगी। कोर्ट ने जो शांति सुनिश्चित करने की बात कही है, उसका ध्यान रखूंगी।