सुविधा:टोल प्लाजा पर फास्टैग स्कैन सिस्टम में गड़बड़ी होने पर चालक बिना पैसे दिए निकाल सकेंगे वाहनफास्टैग स्कैन सिस्टम में गड़बड़ी पर कैश देने को बाध्य नहीं कर सकते टोल कर्मी
हाईवे से गुजरते समय टोल बूथ के सिस्टम में गड़बड़ी होने पर फास्टैग स्कैन न होने की स्थिति में मुफ्त में टोल पार किया जा सकेगा। कर्मचारी ऐसी स्थित में वाहन चालक को कैश देने के लिए बाध्य नहीं कर पाएंगे। इस प्रकार के निर्देश सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से दिए गए हैं। प्रोजेक्ट देख रहे धीरज के अनुसार सभी टोल ऑपरेटरों को सख्त हिदायत दी गई है कि अगर उनका सिस्टम काम नहीं करता है।
स्मार्ट टैग को स्कैन करने में विफल रहता है। ऐसे में लोग मुफ्त में प्लाज़ा पार कर सकते हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय की 7 मई, 2018 को जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है, यदि कोई वाहन यूजर वेलिड, वर्किंग फास्टैग या ऐसे किसी भी उपकरण से जुड़ा हुआ है। उसके अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस है, इसके बावजूद इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन में गड़बड़ी आने की वजह से पेमेंट नहीं हो पा रही है तो उसे मुफ्त में टोल प्लाजा को पार करने की अनुमति है। उससे कैश नहीं लिया जाएगा।
यात्रियों को 24 घंटे के अंदर वापसी यात्रा के लिए छूट न मिलने की कुछ शिकायतें मिल रही हैं। वो दोनों तरीकों से पूर्ण टोल का भुगतान कर रहे हैं। नियमों के अनुसार वापसी यात्रा के लिए छूट की अनुमति है, लेकिन अभी पूरा टोल कट रहा है। अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि इसे लेकर प्लानिंग हो रही है।
सिस्टम में सुधार किया जाएगा। इसे जल्द ही ठीक कर लेंगे। अथॉरटी के बड़े अधिकारी पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। यात्रियों को टोल प्लाजा से आसानी से गुजरने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का दावा किया जा रहा है। सरकार ने टोल का भुगतान करने के लिए फास्टैग के उपयोग के साथ प्लाजा के माध्यम से निर्बाध यात्रा का वादा किया है।
ये प्लानिंग भी हो रही
राष्ट्रीय राजमार्ग पर अब अथॉरिटी की ओर से टोल प्लाजा के नजदीक अलग रंग की लाइन खींचने की प्लानिंग बनाई जा रही है। जब यह लाइन वाहनों की कतार से भर जाएगी। तब टोल ऑपरेटर को मुफ्त यात्रा करने के लिए उस विशेष लेन पर सभी वाहनों के लिए गेट खोलना होगा। क्योंकि फास्टैग को स्कैन करने में समय लगता है। अभी सड़क परिवहन मंत्रालय निगरानी कर रहा है।
किस टोल से कितने वाहनों का आना-जाना है। इसके बाद इस नई योजना को धरातल लागू किया जाएगा। आईटी प्लेटफॉर्म के जरिए लाइव डेटा की निगरानी से बदलाव आएगा। हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों ने कहा कि जिस दूरी पर कलर्ड लाइन डाली जाएगी, वह ट्रैफिक और उपलब्ध टोल लेन की संख्या के आधार पर प्लाजा से लेकर प्लाजा तक अलग-अलग होगी।