पहल:डिजिटल होगी विधानसभा, 14 से 15 करोड़ रुपए सालाना बचेंगेहरियाणा 16वां राज्य, जहां कागज रहित होंगे विधायी कार्य
हरियाणा विधानसभा के डिजिटलाइजेशन को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस पर करीब 20 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इससे कागज की बचत होगी और लगभग 14 से 15 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च बचाया जा सकेगा।
हरियाणा देश का ऐसा 16वां राज्य बन गया है, जहां विधायी कार्यों को कागजरहित बनाने के लिए राष्ट्रीय ई-विधान अनुप्रयोग के तहत त्रि-पक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा और संसदीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्यप्रकाश खटाना भी उपस्थित थे।
समझौता ज्ञापन पर संसदीय कार्य मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव डॉ. सत्यप्रकाश खटाना, हरियाणा सरकार की ओर से कार्मिक, प्रशिक्षण, सतर्कता एवं संसदीय कार्य मामले विभागों के सचिव पंकज अग्रवाल और हरियाणा विधानसभा की ओर से विधानसभा के सचिव आरके नांदल ने हस्ताक्षर किए।
केंद्र-राज्य 60-40 के अनुपात में वहन करेंगे राशि
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस परियोजना का व्यय केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 60-40 अनुपात में वहन किया जाएगा। समझौते के तहत केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय इस योजना को पूरा करने के लिए तीन वर्ष तक विधानसभा व आईटी सेल से जुड़े कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगा। देश में हिमाचल प्रदेश ही एक ऐसा राज्य है जिसकी विधानसभा को कागज रहित कर ई-मोड पर संचालित किया जा रहा है। हरियाणा विधानसभा का एक दल 1 व 2 मार्च को हिमाचल विधानसभा के दौरे पर शिमला जाएगा। इसी समझौते के अंतर्गत विधानसभा पुस्तकालय का भी डिजिटलाइजेशन किया जाएगा।
विधानसभा कमेटी में इनको किया शामिल
विधानसभा कमेटी में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, विधायक असीम गोयल, नैना सिंह चौटाला, प्रमोद विज, सुधीर कुमार सिंगला, चिरंजीव राव, वरुण चौधरी तथा नयन पाल रावत को सदस्य के रूप में नामित किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव भी इस कमेटी के सदस्य होंगे, जबकि हरियाणा विधानसभा सचिवालय के सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे।
केंद्र के बिलों पर विस में चर्चा नहीं हो सकती: गुप्ता
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान सदन में सार्थक चर्चा करवाने में कोई समस्या नहीं है। केंद्र के बिलों पर किसी भी विधानसभा द्वारा सदन में चर्चा नहीं करवाई जा सकती और न ही इनमें किसी प्रकार का संशोधन किया जा सकता है। गुरुवार को आगामी बजट सत्र के बारे पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि बजट सत्र के लिए चार ध्यानाकर्षण प्रस्ताव व दो प्राइवेट मेंबर बिल भी प्राप्त हुए हैं। ई-विधानसभा अवधारणा लागू होने से विधायी कार्यों में पारदर्शिता आएगी।