खून से पत्र:युवाओं ने उठाए बेराजगारी-निजीकरण के मुद्दे; वेबिनार में कानूनों, वार्ता व हल पर पूछे सवालजींद में युवाओं ने खून से लिखा पत्र
आंदोलन स्थलों पर शुक्रवार को युवा किसान दिवस मनाया गया, जिसमें सभी मंच युवा किसानों ने संभाले। टिकरी व कुंडली में युवाओं ने मंच से दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि पुलिस बेकसूर लोगों को फंसा रही है। सभी को बेकसूर नौजवानों को बचाने के लिए आवाज उठानी चाहिए। युवाओं ने मंच से बेरोजगारी व निजीकरण के मुद्दे उठाए।
संयुक्त किसान मोर्चा ने ग्लोबल वेबिनार का आयोजन किया। करीब साढ़े 6 घंटे चले वेबिनार में देश-विदेश से लोग जुड़े। सबसे ज्यादा सवाल कानूनों, वार्ता और समाधान को लेकर पूछे गए। किसान नेताओं ने जवाब में कहा- हम वार्ता को तैयार हैं, लेकिन सरकार कोई प्रस्ताव वार्ता नहीं दे रही है। शनिवार को मजदूर किसान एकता दिवस पर मोर्चे ने आह्वान किया कि किसान अब ज्यादा संख्या में बॉर्डर पर पहुंचे व मोर्चे को मजबूत करें।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी सादर प्रणाम: तीनों काले कानून वापस करो और एमएसपी पर कानून लागू करो
जींद | कृषि कानूनों को लेकर खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों ने युवा दिवस मनाया। इस दौरान युवाओं ने प्रधानमंत्री को खून से पत्र लिखकर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। पत्र में आदरणीय प्रधानमंत्री जी सादर प्रणाम, सविनय निवेदन यह है कि तीनों काले कानून वापस करो और एमएसपी पर कानून लागू करो। जय जवान-जय किसान, धन्यवाद। किसान एकता जिंदाबाद। इस तरह खटकड़ टोल पर पहुंचे युवाओं ने पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखा।